भारतीय कुश्ती के लिए वर्ष 2025 उतार चढ़ाव से भरा रहा जिसमें सीनियर स्तर पर अपेक्षित परिणाम नहीं मिले, लेकिन जूनियर स्तर पर किए गए अच्छे प्रदर्शन ने उज्ज्वल भविष्य की उम्मीद जगाई।
अंतिम पंघाल: निरंतरता की मिसाल
सीनियर खिलाड़ियों में अंतिम पंघाल ही अपने प्रदर्शन में निरंतरता बनाए रख पाईं। हरियाणा की इस पहलवान ने विश्व चैंपियनशिप में महिलाओं के 53 किलोग्राम भार वर्ग में कांस्य पदक जीतकर मेडल टैली में भारत की उपस्थिति सुनिश्चित की।
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कांस्य पदक के मुकाबले में शानदार प्रदर्शन करने वाली अंतिम पंघाल ने मजबूत प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ दबाव में भी बेहतरीन प्रदर्शन करने की अपनी क्षमता दिखाई। उन्होंने एशियाई चैंपियनशिप में भी तीसरा स्थान हासिल किया, जिससे महाद्वीपीय स्तर पर उनकी साख और बढ़ी।
अंतिम पंघाल ने सीनियर राष्ट्रीय चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतकर वर्ष का शानदार समापन किया। जिस तरह से उन्होंने पूरे साल अच्छा प्रदर्शन किया, उसे देखते हुए अंतिम को इस खेल में देश की सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी कहना कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी।
सिर्फ 1 पदक से करना पड़ा संतोष
सीनियर विश्व चैंपियनशिप में भारत का समग्र प्रदर्शन बहुत अच्छा नहीं रहा, जिसमें उसे केवल एक पदक से संतोष करना पड़ा। यह पदक अंतिम पंघाल ने कांस्य पदक के रूप में जीता था। भारत के कई पहलवान शुरुआती दौर में हारने के बाद बाहर हो गए।
मनीषा भानवाला ने जगाई उम्मीदें
महाद्वीपीय स्तर पर एक प्रमुख उपलब्धि मनीषा भानवाला (62 किलोग्राम) का एशियाई चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतना रही। इस साल सभी की निगाह इस पर टिकी थी कि अमन सहरावत (57 किलोग्राम) के लिए यह सत्र कैसा रहेगा। पिछले साल ओलंपिक खेलों में पदक जीतने वाले सबसे कम उम्र के भारतीय बनकर पूरे देश के चहेते बने इस 22 वर्षीय खिलाड़ी के लिए वर्ष 2025 मुश्किलों भरा रहा।
अमन सहरावत: बैन, माफी, वापसी
विश्व चैंपियनशिप में अधिक वजन के कारण अमन सहरावत को अयोग्य घोषित कर दिया गया। इस कारण उन पर प्रतिबंध भी लगा। अमन पर लगा प्रतिबंध इस साल के सबसे चौंकाने वाले घटनाक्रमों में से एक था। बाद में अमन ने बिना शर्त माफी मांगी।
65 KG में सुजीत कलकल का उदय
इसके बाद भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) ने उनका निलंबन वापस ले लिया और वह घरेलू प्रतियोगिताओं में लौटे। सकारात्मक पक्ष की बात करें तो सुजीत कलकल ने अपने शानदार रक्षात्मक कौशल से प्रभावित किया और पुरुषों के फ्रीस्टाइल 65 किलोग्राम वर्ग में अपना स्थान पक्का कर लिया। पहले इस बार वर्ग में बजरंग पूनिया खेला करते थे।
WFI का सख्त संदेश: नेहा-रितिका पर बैन
अंडर-20 विश्व चैंपियनशिप में अधिक वजन होने के कारण महिला पहलवान नेहा सांगवान पर भी प्रतिबंध लगाया गया। नेहा और अमन पर लगे प्रतिबंधों से डब्ल्यूएफआई का कड़ा रवैया भी सामने आया। डोपिंग नियमों के उल्लंघन के लिए प्रतिबंधित किए जाने के बाद मुसीबत में फंसने वाले पहलवानों में रितिका हुड्डा (76 किलोग्राम) भी शामिल थीं।
भारत के तेजी से उभरते खिलाड़ियों में से एक रितिका के परीक्षण में प्रतिबंधित पदार्थ पाया गया था और इस कारण उन्हें खेल से बाहर कर दिया गया। भारत के आयु वर्ग के पहलवानों ने यह सुनिश्चित किया कि 2025 आशाओं से भरा वर्ष बना रहे।
U20, U23 विश्व चैंपियनशिप में भारत का दबदबा
भारत ने अंडर-23 विश्व चैंपियनशिप में शानदार प्रदर्शन किया, जिसमें पुरुषों की फ्रीस्टाइल स्पर्धा में सुजीत का स्वर्ण पदक प्रमुख रहा। अंडर-20 विश्व चैंपियनशिप में भारत ने विभिन्न वर्गों में कई स्वर्ण, रजत और कांस्य पदक जीतकर अग्रणी देशों में अपना स्थान बनाया।
काजल और तपस्या गहलावत की स्वर्णिम उड़ान
सत्रह साल की काजल ने महिलाओं के 72 किलोग्राम वर्ग में स्वर्ण पदक जीता, जबकि तपस्या गहलावत (57 किलोग्राम) ने भी शीर्ष स्थान हासिल किया। महिला फ्रीस्टाइल में प्रिया मलिक (76 किलोग्राम), सारिका (53 किलोग्राम), श्रुति (50 किलोग्राम) और रीना (55 किलोग्राम) ने पदक जीते। पुरुषों की ग्रीको रोमन शैली और फ्रीस्टाइल में क्रमशः सुमित मलिक और सूरज ने पदक हासिल किए।
विनेश फोगाट की वापसी
इस वर्ष चर्चा का एक और प्रमुख विषय विनेश फोगाट का ओलंपिक पदक जीतने की अपनी कवायद में संन्यास से वापसी करने का निर्णय था। पेरिस ओलंपिक खेलों में 50 किलोग्राम वर्ग के फाइनल से पहले 100 ग्राम अधिक वजन होने के कारण उन्हें बाहर होना पड़ा था। हरियाणा की इस जुझारू पहलवान ने इस निराशा से खुद को बाहर निकाला। उन्होंने अब पहले से भी अधिक मजबूत होकर वापसी करने का वादा किया है।
बदलेगा भारतीय कुश्ती का भविष्य!
डब्ल्यूएफआई ने अपनी नई चयन नीति तैयार की जिसमें राष्ट्रीय शिविरों को अधिक महत्व दिया गया और यह स्पष्ट किया गया कि ओलंपिक कोटा हासिल करने वाले खिलाड़ियों को चयन के लिए होने वाली प्रतियोगिता में हिस्सा लेना ही होगा। लंबे समय के अंतराल के बाद फ्रेंचाइजी आधारित प्रो कुश्ती लीग अगले महीने फिर से शुरू होने जा रही है जो युवा पहलवानों के लिए महत्वपूर्ण मंच साबित होगा।
