नरवाना (हरियाणा) में 20 सितंबर 1942 को जन्मे राजिंदर गोयल ऐसे गेंदबाज रहे, जिन्होंने प्रथम श्रेणी मैचों में तो अपनी गेंदबाजी का जलवा बिखेरा मगर कभी टीम इंडिया के लिए मैदान पर नहीं उतर सके। अब इसे उनकी बदकिस्मती कहा जाए या कुछ और मगर शायद उस वक्त इस गेंदबाज को मौका मिलता तो आज भारतीय क्रिकेट टीम की दशा कुछ और ही होती।

स्लो लेफ्ट आर्म गेंदबाज राजिंदर गोयल ने दिल्ली और हरियाणा के लिए 20 साल से अधिक क्रिकेट खेला। इस दौरान उन्होंने 157 फर्स्ट क्लास मैचों में 2.10 की इकॉनमी के साथ 750 विकेट अपने नाम किए। इसमें उनके 637 रणजी ट्रॉफी विकेट भी शामिल हैं। राजिंदर गोयल ने इस दौरान 59 बार पांच, जबकि 18 बार पारी में 10 विकेट अपने नाम किए।

मैच के दौरान गेंदबाजी करते राजिंदर गोयल।

इस गेंदबाज के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन पर नजर डालें तो उन्होंने 55 रन देकर 8 विकेट अपने नाम किए थे। इतना ही नहीं 185 पारियों में ये खिलाड़ी 74 बार नाबाद रहा और 1037 रन भी बनाए। मगर 1958 से 1985 तक प्रथम क्रिकेट में अपनी गहरी छाप छोड़ने वाले इस गेंदबाज को कभी भी नेशनल टीम में जगह नहीं मिल सकी।

जब टेस्ट में मौका मिलते-मिलते रह गया …

1974-75 के दौरान वेस्टइंडीज भारतीय दौरे पर आई थी। बेंगलुरु टेस्ट मैच से ठीक पहले बिशन सिंह बेदी को टीम से हटा दिया गया और उनके स्थान पर राजिंदर गोयल का चयन किया गया। ऐसे में लगा कि वो अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में अपना डेब्यू मैच बस खेल ही लेंगे मगर टीम मैनेजमेंट ने आखिरी पल में फैसला बदलते हुए उनके स्थान पर प्रसन्ना और वेंकटराघवन को टीम में खिलाने का फैसला लिया।