दो बार के ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता 90 वर्ष के गुरबख्श सिंह से लेकर पेरिस ओलंपिक 2024 में कांस्य पदक जीतने वाले कप्तान हरमनप्रीत सिंह तक कई दिग्गजों ने भारतीय हॉकी के सौ साल पूरे होने के अवसर पर अपने अनुभवों को साझा किया। सौ वर्ष पहले 1925 में ग्वालियर में भारतीय हॉकी महासंघ का गठन हुआ था।

ओलंपिक विजेताओं और दिग्गजों को किया गया सम्मानित

आठ बार की ओलंपिक चैंपियन भारतीय हॉकी टीम के महानायकों को इस अवसर पर मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम पर सम्मानित किया गया। इन महानायकों में ओलंपिक पदक विजेता गुरबख्श सिंह (1964 और 1968), हरबिंदर सिंह (1964, 1968 और 1972), अशोक कुमार (1972 ओलंपिक और 1975 विश्व कप), बीपी गोविंदा (1972 ओलंपिक और 1975 विश्व कप), असलम शेर खान (1975 विश्व कप), जफर इकबाल (1980 ओलंपिक) और ब्रिगेडियर हरचरण सिंह (1972 ओलंपिक)। इसके अलावा रोमियो जेम्स, असुंथा लाकड़ा और सुभद्रा प्रधान को भी शामिल किया गया।

खेल मंत्री बोले- हॉकी ने दी भारत को अंतरराष्ट्रीय पहचान

इस अवसर पर केंद्रीय खेलमंत्री मनसुख मांडविया ने कहा कि हॉकी के जरिये ही ओलंपिक में भारत को पहचान मिली और दुनिया को दिखाया कि खेलों में हमारा देश क्या कर सकता है और तभी से हमने पीछे मुड़कर नहीं देखा। मनसुख मांडविया ने कहा, ‘खेलों ने काफी उतार चढ़ाव देखे हैं और ओलंपिक में हॉकी के जरिये ही हमने दुनिया को दिखाया कि भारत खेलों में क्या कर सकता है। हमने उसके बाद से पीछे मुड़कर नहीं देखा और अपने समृद्ध इतिहास के साथ भारतीय हॉकी ने अगले ओलंपिक पदक की ओर कदम बढा दिए हैं।’

1000 से ज्यादा मैच और भारतीय हॉकी के इतिहास की प्रदर्शनी

इस मौके पर पूरे देश में एक हजार से अधिक हॉकी मैचों का आयोजन किया गया। इसके साथ ही नेशनल स्टेडियम में भारतीय हॉकी के गौरवशाली अतीत की झांकी पेश करती दुर्लभ तस्वीरों की नुमाइश का भी उद्घाटन किया गया जिसमें 1925 एम्सटर्डम ओलंपिक से पेरिस ओलंपिक 2024 तक के खास पलों की झलक देखी जा सकती है। मनसुख मांडविया की कप्तानी वाली खेलमंत्री एकादश और दिलीप टिर्की की हॉकी इंडिया एकादश के बीच भी नुमाइशी मैच खेला गया, जिसमें राष्ट्रीय महिला और पुरुष टीमों के खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया।

नुमाइशी मैच: खेल मंत्री एकादश बनाम हॉकी इंडिया एकादश

खेलमंत्री एकादश ने 3-1 से जीत दर्ज की जिसमे ब्यूटी डुंगडुंग, सलीमा टेटे और कृष्णा पाठक ने गोल किए, जबकि हॉकी इंडिया एकादश के लिए मनप्रीत सिंह ने गोल दागा। अंतरराष्ट्रीय हॉकी महासंघ के अध्यक्ष दातो तैयब इकराम ने इस अवसर पर कहा कि भारत ने पिछले सौ साल में विश्व हॉकी में पुरोधा की भूमिका निभाई है और टोक्यो तथा पेरिस ओलंपिक में पदक जीतकर फिर अपनी ताकत साबित कर दी है।

FIH अध्यक्ष ने दी बधाई, कहा- भारत हॉकी का पुरोधा

दातो तैयब इकराम ने कहा, ‘भारतीय हॉकी के सौ साल के सफर के साक्षी रहे महान खिलाड़ियों, प्रशंसकों और प्रशासकों को इस स्वर्णिम सफर की बधाई। मुझे यकीन है कि अगले 100 साल और गौरवशाली रहने वाले हैं।’ इस मौके पर केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरन रिजिजू, तमिलनाडु के उपमुख्यमंत्री उदयनिधि स्टालिन और भारत की महिला तथा पुरुष टीमों के खिलाड़ी और कोच मौजूद थे। चेन्नई और मदुरै में 28 नवंबर से 11 दिसंबर तक होने वाले जूनियर हॉकी विश्व कप की ट्रॉफी का भी यहां अनावरण किया गया।

दिलीप टिर्की ने खिलाड़ियों और संस्थापकों का किया धन्यवाद

हॉकी इंडिया के अध्यक्ष और भारत के पूर्व कप्तान दिलीप टिर्की ने सौ साल पहले भारतीय हॉकी की नींव रखने वाले और इसका परचम लहराने वाले हर खिलाड़ी को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा, ‘मैंने करियर में पहली बार इसी मैदान पर शिविर में हिस्सा लिया था और पहला बड़ा टूर्नामेंट भी यहीं खेला था। भारतीय हॉकी की नींव रखने वालों और इस सफर में योगदान देने वाले हर व्यक्ति को नमन है। उम्मीद है कि भारत सरकार के सहयोग से आगे ऐसी और गौरव गाथायें लिखी जाएंगी।’