वीके विस्मया बीते एक दशक से भारत की प्रमुख महिला एथलीट्स में शामिल हैं। उन्होंने देश के लिए एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल जीता। वहीं एशियन चैंपियनशिप में भी दो मेडल अपने नाम किए। वह दिन रात ट्रैक पर दौड़ती, पसीना बहाती, मन में बस एक ही सपना था कि देश के लिए मेडल लाती रहीं। हर एथलीट की तरह विस्मया का खाना, पीना, सोना हर चीज खेल के अनुसार ही होता था।
अपने शरीर को भी पूरी तरह एथलीट के तौर ढाल लिया। निजी जिंदगी की खुशियों पर अल्पविराम लगाया। आखिरकार जब उन्होंने एक एथलीट की जगह एक महिला के तौर पर जिंदगी जीना शुरू किया, उस खुशी का स्वागत किया जिसे औरत का सबसे बड़ा वरदान माना जाता है तो उनके करियर पर बड़ा दाग लग गया।
डोपिंग टेस्ट में फेल हुईं विस्मया
18 नवंबर को खबर आई की विस्मया डोपिंग टेस्ट में फेल हो गई हैं और उन्हें बैन किया गया। अपनी जिंदगी के सबसे खूबसूरत सफर को जी रही विस्मया के लिए यह किसी धक्के से कम नहीं किया था। जिस करियर को बनाने के लिए उन्होंने अपना निजी जीवन झोंक दिया आज उसी पर डोपिंग का दाग लग गया। विस्मया के ऊपर लगा बैन नियमों के अधीन है, लेकिन इस एथलीट की भी अपनी कुछ दलीलें हैं। उन्होंने बताया आखिरी क्यों उनका मामला बाकियों से अलग है?
विस्मया ने जनसत्ता.कॉम से बातचीत में कहा कि उन्होंने जून में इंटरस्टेट प्रतियोगिता में हिस्सा लिया था। वह इस प्रतियोगिता में रेस पूरी नहीं कर पाई थी। इसके बाद न तो उन्होंने किसी इवेंट में हिस्सा लिया और न ही उन्होंने ट्रेनिंग की। विस्मया ने खेल से ब्रेक लेने का फैसला किया। वह अपने परिवार में विस्तार करना चाहती थीं।
विस्मया ने टेस्ट के समय दी जानकारी
15 अगस्त को रात साढ़े 9 बजे विस्मया के घर पर नाडा (NADA) के अधिकारी आए और उन्होंने उनका सैंपल लिया। इस दौरान विस्मया ने नाडा के फॉर्म में अपने फर्टिलिटी ट्रीटमेंट (मां बनने के लिए किया जाने वाला ट्रीटमेंट) के बारे में बताया। इसके साथ ही उन दवाओं का ब्योरा भी दिया जो वह इलाज के दौरान ले रही थीं। विस्मया के पास उस समय डॉक्टर का प्रेसक्रिप्शन मौजूद नहीं था, ऐसे में उन्होंने उस समय मेडिकल शीट दी। कुछ समय बाद सारे कागजात नाडा को दिए।
क्या रही विस्मया की गलती?
विस्मया के सैंपल में क्लोमीफीन पाया गया जिसके कारण उन पर बैन लगा है। क्लोमीफिन वाडा की S4 कैटेगरी में आता है। इससे जिसमें हार्मोन्स और मॉड्यूलेटर्स के जरिये परफॉर्मेंस एन्हांस किया जाता है। विस्मया का कहना है कि उन्होंने इसका सेवन डॉक्टर के कहने पर लिया क्योंकि इस ड्रग से ओव्यूलेशन (महिला एग) बढ़ता है जिससे कंसीव करने में मदद मिलती है।
हालांकि विस्मया ने नियम का पूरी तरह पालन नहीं किया। नियम के मुताबिक, उन्हें इस ड्रग के सेवन से एक महीने पहले टीयूई (Therapeutic Use Exemption) जमा करना था। इस एथलीट का कहना था कि उनका यह फैसला अचानक हुआ और इस कारण वह जानकारी नहीं दे सकी। नियमों के अनुसार, अगर वह ऐसा करतीं तो उनके सैंपल में इस ड्रग की मौजूदगी के बावजूद उन पर बैन नहीं लगता। विस्मया ने बताया कि उन्हें जानकारी नहीं थी कि इस दवाई में वह ड्रग मौजूद है। वहीं जानकारों का कहना है कि एक सीनियर एथलीट होने के नाते विस्मया को यह पता होना चाहिए था।
क्या चाहती हैं विस्मया?
उन्हें मेरे केस को स्पेशल मानना चाहिए क्योंकि मैंने सारे डॉक्यूमेंट उन्हें सौंपे। सारे सबूत दिए। उन्हें मेरी जैसी एथलीट के लिए सोचना चाहिए। मैंने कुछ नहीं छुपाया। उन्होंने मुझसे सफाई मांगी। मैंने सब कुछ बताया और जो-जो डॉक्यूमेंट उन्हें चाहिए थे मैंने जमा किए।
जब मैं प्रेगनेंट हुई मैंने तब भी नाडा को बताया। अब इस खबर से मेरे प्रेगनेंसी पर असर हो रहा है। मैं मानसिक रुप से परेशान हूं। एक एथलीट होने के साथ-साथ मैं किसी की पत्नी हूं, किसी की बेटी हूं, किसी की बहन हूं। बीते 10 सालों में मैंने सबकुछ किया। मैंने इतने सालों में कई बार सैंपल दिए लेकिन मैं कभी भी डोप टेस्ट में फेल नहीं हुई। अब मैंने अपनी निजी जिंदगी के नए पड़ाव पर जाने का फैसला किया और उस समय मेरे साथ यह हुआ है।
हर कहानी के दो पहलू होते हैं। लोगों ने जिस तरह मेरे डोप होने की खबर को छापा उतना कवरेज मुझे गोल्ड मेडल जीतने पर भी नहीं मिला था। लोग कह रहे हैं कि मैंने प्रदर्शन को बेहतर करने के लिए ड्रग लिया। जो लोग वाकई में ऐसा करते हैं उनके पास अपनी बेगुनाही का सबूत होता है या नहीं, मुझे नहीं पता, लेकिन मेरे साथ ऐसा नहीं है। मैंने बहुत मेहनत से अपना नाम बनाया लेकिन अब उस पर दाग लग गया है। मैं मां बनने के बाद बस वापसी करना चाहती हूं।