रवि शास्त्री को भारतीय क्रिकेट टीम का कोच बने हुए एक साल हो चुका है। वैसे तो क्रिकेट में किसी के कार्य का आंकलन करने के लिए एक साल कम होता है लेकिन रवि शास्त्री के एक साल के कार्य की बात की जाए तो उनके नेतृत्व में टीम इंडिया ने काफी अच्छा प्रदर्शन करके दिखाया है। भारत अपने घर में दूसरे पर हावी दिखा है लेकिन जहां तक परिणामों का संबंध है तो कप्तान विराट कोहली और रवि शास्त्री की भागीदारी में कुछ चीजें गलत भी रही हैं। भारतीय टीम ने दो टेस्ट मैच हारे और दोनों ही साउथ अफ्रीका के खिलाफ खेले गए थे, जिनमें वे बहुत ही स्मार्ट तरीके से खेल सकते थे।
वहीं वनडे इंटरनेशनल मैच की बात की जाए तो भारत साउथ अफ्रीका से दो मैच हारा था। रवि शास्त्री ने जब अनिल कुंबले को टीम के कोच पद से रिपलेस किया था, तो उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती भारत के लिए स्पिन गेंदबाजी के कॉम्बिनेशन को सुनिश्चित करने की थी। उस समय रविचंद्रन अश्विन और रविंद्र जड़ेजा कुछ अच्छा प्रदर्शन करके नहीं दिखा रहे थे। शास्त्री ने टीम के लिए कुलदीप यादव और युजवेंद्र चहल को मिलाकर रिस्ट-स्पिन कॉम्बिनेशन का एक्सपेरिमेंट किया और दोनों ने इसकी शुरुआत श्रीलंका दौरे के समय की थी। उस दौरान से ही दोनों खिलाड़ी टीम के लिए काफी मजबूत होते चले गए।
विकेट्स के मामले में दोनों का स्कोर लगभग एक समान रहा है। वहीं रवि शास्त्री के नेतृत्व में हार्दिक पांड्या, जसप्रीत बुमराह और भुवनेश्वर कुमार का भी पिछले सीजन्स में काफी अच्छा प्रदर्शन रहा। इसके अलावा भारत ने हाल ही में रवि शास्त्री के नेतृत्व में निदास टॉफी 2018 भी जीती है। भारत का अगला लक्ष्य जुलाई में इंग्लैंड के साथ होने वाली सीरीज में जीत हासिल करना है। रवि शास्त्री के अभीतक के कार्य की बात की जाए तो वह काफी अच्छा रहा है। विराट कोहली और रवि शास्त्री की जोड़ी ने टीम इंडिया को अच्छा मुकाम दिलाया है।