देवेंद्र पांडे। पर्थ टेस्ट के लिए टीम इंडिया अपने प्लेइंग इलेवन को लेकर माथापच्ची कर रही है। टीम के कप्तान रोहित शर्मा और युवा स्टार शुभमन गिल के उपलब्ध न रहने के कारण टीम संयोजन में बदलाव तय माना जा रहा है। मंगलवार को ऑप्टस स्टेडियम में भारतीय टीम ने अभ्यास किया और अब माना जा रहा है कि टीम पर्थ में केवल ही एक ही स्पिनर के साथ उतरेगी, ठीक उसी तरह जैसा पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली ने कहा था।
गांगुली ने दी थी सलाह
भारतीय टीम तीन स्पिनर्स के साथ ऑस्ट्रेलिया गई है। अश्विन के अलावा रविंद्र जडेजा और ऑफ स्पिनर वॉशिंगटन सुंदर भी टीम का हिस्सा हैं। भारत के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली का मानना है कि बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के पहले टेस्ट में अश्विन को भारतीय इलेवन में जरूर खेलना चाहिए क्योंकि वह टीम के सर्वश्रेष्ठ स्पिनर है। उन्होंने कहा, ‘टेस्ट क्रिकेट में, विशेषज्ञों को खेलना चाहिए। साथ ही, ऑस्ट्रेलियाई लाइन-अप में बाएं हाथ के कई बल्लेबाजों के खिलाफ, अश्विन निश्चित रूप से प्रभाव डालेंगे।’ ऐसा लगता है कि गंभीर पूर्व कप्तान की बात मान सकते हैं।
अश्विन को मिलेगा मौका
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक भारतीय टीम पर्थ टेस्ट में केवल एक ही स्पिनर को खेलने का मौका देगी और वह अश्विन होंगे। ऑस्ट्रेलिया की टीम में उस्मान ख्वाजा, ट्रेविस हेड और एलेक्स कैरी के रूप में तीन बाएं हाथ के बल्लेबाज हैं। अश्विन का लेफ्ट हैंडर्स के खिलाफ शानदार रिकॉर्ड है। वहीं पिछले दौरे पर उन्होंने स्टीव स्मिथ को भी काफी परेशान किया था।
नितीश रेड्डी कुमार को मिलेगा डेब्यू का मौका
टीम तीन तेज गेंदबाज और एक स्पिनर के साथ उतरेगी। नितीश कुमार रेड्डी को पर्थ टेस्ट में डेब्यू का मौका मिल सकता है। उनके अलावा जसप्रीत बुमराह भी टीम का हिस्सा होंगे। गांगुली का मानना है कि रेड्डी को मौका दिया जाना चाहिए। भारतीय दिग्गज ने कहा, ‘पर्थ (ऑप्टस) और गाबा (ब्रिसबेन) में दो स्पेशलिस्ट स्पिनर को खिलाने का कोई मतलब नहीं है। आपको नितीश रेड्डी को इन परिस्थितियों में प्लेइंग इलेवन में शामिल करने का तरीका ढूंढना होगा। वह निचले क्रम के लिए अच्छा बल्लेबाज है। इससे टीम का संतुलन बेहतर होगा।’