आईसीसी क्रिकेट विश्व कप 2019 का पहला सेमीफाइनल मैनचेस्टर के ओल्ड ट्रैफर्ड मैदान पर भारत और न्यूजीलैंड के बीच खेला जा रहा है। न्यूजीलैंड के कप्तान केन विलियम्सन ने टॉस जीतकर बल्लेबाजी चुनी है। भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली भी टॉस जीतकर बल्लेबाजी चुनना चाहते थे। दरअसल, इस मैच में दो कारणों से टॉस अहम भूमिका निभा सकता है। पहला ओल्ड ट्रैफर्ड की पिच और दूसरा मौसम। पहले बल्लेबाजी करने उतरी न्यूजीलैंड की टीम 46 ओवर में 211 रन बनाई है। इसके बाद बारिश ने मैच में खलल डाल दिया है। इसका असर मैच के परिणाम पर पड़ सकता है।

ओल्ड ट्रैफर्ड की पिच बल्लेबाजी के लिए अनुकूल है। इस विश्व कप में ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका के बीच हुए मैच में तो यहां 600 से ज्यादा रन बने थे। ऐसे में पहले बल्लेबाजी करनी वाली टीम विपक्षी के खिलाफ बड़ा स्कोर खड़ा कर सकती है। 300 से ज्यादा का लक्ष्य मिलने पर विपक्षी टीम दबाव में आ जाती है। इसके पीछे एक कारण यह भी है कि उसके बल्लेबाजों के दिमाग में शुरू से ही होता है कि उन्हें एक तय रनरेट बनाए रखना है। उससे कम गति से रन बनाए तो बाद में रनरेट बढ़ता जाता है। यही वजह है कि बड़े लक्ष्य का पीछा करने वाली टीम अक्सर दबाव में रहती है।

दूसरा कारण मैनचेस्टर का मौसम है। मैनचेस्टर में भारत-न्यूजीलैंड के मैच के दौरान मौसम विभाग ने बारिश होने की आशंका जताई है। बारिश होने पर सामान्यता पहले बल्लेबाजी करने वाली टीम फायदे में रहती है। डकवर्थ लुइस नियम में बाद में बल्लेबाजी करने वाली टीम को अक्सर ओवरों की अपेक्षा बड़ा लक्ष्य मिलता है। इस कारण लक्ष्य का पीछा करने वाली टीम पर दबाव और बढ़ जाता है। 1992 वर्ल्ड कप में डकवर्थ लुइस नियम के चलते ही दक्षिण अफ्रीका को इंग्लैंड के खिलाफ एक गेंद पर 21 रन बनाने का असंभव लक्ष्य मिला था।

वह मैच बारिश के कारण 45 ओवर का कर दिया गया था। इंग्लैंड ने 45 ओवर में 6 विकेट पर 252 रन बनाए। लक्ष्य का पीछा करने उतरी दक्षिण अफ्रीका की टीम 42.5 ओवर में 6 विकेट पर 231 रन बना चुकी थी। टीम को जीत के लिए 13 गेंद पर 22 रन चाहिए थे, तभी फिर बारिश होने लगी। कुछ देर बाद बारिश रुकने पर डकवर्थ लुइस नियम के कारण दक्षिण अफ्रीका को एक गेंद पर 21 रन का लक्ष्य दिया गया था। जो असंभव था। नतीजा दक्षिण अफ्रीका को बिना संघर्ष ही हार झेलनी पड़ी।