इंग्लैंड के खिलाफ दूसरे टेस्ट में भारतीय टीम ड्राइविंग सीट पर है। बर्मिंघम में कप्तान शुभमन गिल की 269 रन की दमदार पारी के दमपर भारत ने पहले पारी में 587 रन बनाए। भारतीय टीम ने इतने रन बना लिए हैं कि वह इंग्लैंड को 2 बार आउट करके पारी से हरा दे। उसे अगली पारी में बल्लेबाजी की जरूरत ही न पड़े। इसके लिए उसे इंग्लैंड को कम स्कोर पर आउट करना होगा। फिर उसे फॉलोऑन देकर तीसरी पारी में खेलने को कहना होगा। आइए जानते हैं इंग्लैंड को बर्मिंघम में फॉलोऑन बचाने के लिए कितना रन बनना होगा। फॉलोऑन को लेकर क्या नियम है।

इंग्लैंड को फॉलोऑन बचाने के लिए कितने रन बनाने होंगे

इंग्लैंड को फॉलोऑन बचाने के लिए भारत की पहली पारी में 587 रन से 201 रन कम यानी 388 रन बनाने होंगे। इससे कम रन बनाने पर इंग्लैंड को पहली पारी खत्म होते ही अगली पारी में बल्लेबाजी करनी पड़ सकती है।

क्या होता है फॉलोऑन

फॉलोऑन क्रिकेट में एक वैकल्पिक नियम है। इसके तहत दूसरी पारी में बल्लेबाजी करने वाली टीम को विपक्षी टीम द्वारा अपनी पहली पारी के तुरंत बाद दूसरी पारी खेलने के लिए कहा जा सकता है। फॉलोऑन नियम तब लागू हो सकता है जब पहले बैटिंग करने वाली टीम और बाद में बैटिंग करने वाली टीम के स्कोर के बीच पहली पारी में रनों (लीड) का अंतर 200 से अधिक हो।

फॉलोऑन का इस्तेमाल क्यों होता है?

फॉलोऑन का प्रयोग लंबे प्रारूप वाले क्रिकेट टेस्ट और प्रथम श्रेणी मैच में होता है,जहां प्रत्येक टीम को पारंपरिक रूप से दो बार बल्लेबाजी करनी होती है। इन मैचों में कम से कम तीन पारी पूरी होने के बाद ही नतीजा निकल सकता है।

फॉलोऑन लागू करने का फैसला कौन करता है?

फॉलोऑन लागू करने का निर्णय मैच में पहले बल्लेबाजी करने वाली टीम के कप्तान द्वारा लिया जाता है। कप्तान फॉलोऑन चुनने के निष्कर्ष पर तब पहुंच सकता है जब उसकी टीम कमांडिंग स्थिति में हो और वह विपक्षी टीम को पहली पारी के कुल स्कोर के भीतर दो बार आउट करके जल्दी परिणाम ला सके।

क्या कहता है नियम

क्रिकेट के नियमों के नियम 14.2 में कहा गया है: “कप्तान को विपक्षी कप्तान और अंपायर को फॉलोऑन विकल्प को लागू करने के अपने फैसले के बारे में सूचित करना होता है। एक बार सूचित किए जाने के बाद निर्णय को बदला नहीं जा सकता।”

कुछ टीमें फॉलोऑन क्यों नहीं लागू करतीं?

हाल के वर्षों में टीमों द्वारा फॉलोऑन न करने का चलन बढ़ रहा है। टीम नहीं चाहती कि गेंदबाज थकें। कई बार चौथी पारी में बल्लेबाजी मुश्किल होती है। पिच इतनी खराब हो जाती हैं कि फॉलोऑन खेलकर टीम मैच जीत जाती है।