इंग्लैंड के कोच ब्रेंडन मैकुलम ने स्पष्ट कर दिया है कि टीम प्रबंधन जॉनी बेयरस्टो पर भरोसा बनाए रखेगा, जो भारत के खिलाफ 5 मैचों की सीरीज में संघर्ष कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि रांची में चौथे टेस्ट मैच में जो रूट अच्छा प्रदर्शन करेंगे। जॉनी बेयरस्टो सीरीज की छह पारियों में अब तक सिर्फ 102 रन ही बना पाए हैं।
मैकुलम ने पत्रकारों से कहा, ” मैंने रांची का विकेट भी नहीं देखा है, लेकिन मुझे उम्मीद है कि जॉनी खेलेंगे। उन्होंने उतने रन नहीं बनाए हैं, जितने वह चाहते थे। पावर गेम होने के बाद भी वह बहुत ही हल्के तरीके से आउट हुए हैं। मुझे उन्हें लेकर कोई चिंता नहीं है। हम जानते हैं कि जॉनी बेयरस्टो किसी भी परिस्थिति में अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं। हमें उन पर भरोसा रखना होगा। बाहरी बातों पर ध्यान नहीं देना होगा। उन्हें अपने लक्ष्य पर फोकस करना होगा और मुझे यकीन है कि जॉनी अच्छा प्रदर्शन करेंगे।”
मैकमलम ने क्या कहा
मैकुलम ने कहा, ” हम घर से बहुत दूर हैं और भारत का दौरा कठिन है । मैं जॉनी के साथ कुछ समय बिताऊंगा और उसे बताऊंगा कि वह कितने अद्भुत खिलाड़ी हैं। ऐसा इसलिए नहीं कि आप प्रदर्शन पाने की कोशिश कर रहे हैं, बल्कि इसलिए कि वह एक अच्छे व्यक्ति हैं और आप यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि वह अच्छा कर रहे हैं। जो भी होता है परिणाम के अनुसार होता है।”
मैकुलम ने जो रूट का बचाव किया
इंग्लैंड के कोच मैकुलम ने जो रूट का बचाव किया है, जिन्होंने सीरीज में 12.83 की औसत से केवल 77 रन बनाए हैं। उन्होंने इंग्लैंड के पूर्व कप्तान के रैंप शॉट का भी बचाव किया है, जिसकी काफी आलोचना हुई है। उन्होंने कहा, “जो रूट का औसत बताता है कि वह अगले दो टेस्ट में अच्छा करेंगे। मुझे लगता है कि उस शॉट के साथ उनका औसत लगभग 50 (पहले 60, अब 30) है। साथ ही पहले उस शॉट को खेलने के बाद क्या हुआ है। वह ऐसा करते हुए दो बार आउट हो चुके हैं।”
मैकुलम और क्या कहा
मैकुलम ने कहा, ” आप किसी का डिफेंड करते हुए या लेग साइड से ड्राइव करने का प्रयास गेंद निक कर सकते हैं। मुझे नहीं पता कि क्या यह आधुनिक समय में उतना ही जोखिम भरा शॉट है जितना पिछले मैच में दिखाई दिया। मैं कहूंगा कि पिछले 18 महीनों में उनके आंकड़े देखने के बजाय लोग इस तरह का एक शॉट देखकर कहते हैं कि जो रूट इस नए दौर में संघर्ष कर रहें हैं, लेकिन नंबर पर एक नजर डालें। उनका औसत अधिक है। उनका स्ट्राइक रेट ज्यादा है। खेल पर उनका प्रभाव अभी भी बहुत महत्वपूर्ण है।”