निदास ट्रॉफी के फाइनल मुकाबले में बांग्लादेश की क्रिकेट टीम के खिलाफ यादगार पारी खेलने वाले भारतीय विकेटकीपर बल्लेबाज दिनेश कार्तिक इस वक्त सुर्खियों में बने हुए हैं। आखिरी गेंद पर छक्का जड़ते हुए इंडियन क्रिकेट टीम को निदास ट्रॉफी में जीत दिलाने वाले कार्तिक को लेकर क्रिकेटर अभिषेक नायर ने बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने बताया है कि दिनेश कार्तिक का गेम बदलने के लिए उन्हें घर के ‘टॉर्चर रूम’ में रखा गया था। नायर ने बताया कि साल 2016 में आईपीएल शुरू होने से पहले दिनेश कार्तिक को ‘हाउस ऑफ पेन’ में रखा गया था। दरअसल, कार्तिक का प्रदर्शन उन दिनों काफी निराशाजनक हो गया था, खराब प्रदर्शन से निराश इस बल्लेबाज ने खुद नायर से मदद मांगी थी, जिसके बाद नायर ने उनकी मदद करने का बेहद ही अनोखा रास्ता अपनाया।
कार्तिक अपने कम्फर्ट जोन से बाहर आ सकें इसके लिए नायर ने मुंबई में अपने घर में ‘टॉर्चर रूम’ बनवाया। यह कमरा बेहद ही छोटा था, शुरू होने के साथ ही खत्म हो जाता था। बाथरूम में शावर कभी काम करता तो कभी खराब हो जाता, बाल्टी और मग भी टूटे हुए दिए गए। इतना ही नहीं कार्तिक खुद इस कमरे की साफ सफाई के लिए जिम्मेदार थे। नायर ने इस कमरे के बारे में बात करते हुए कहा, ‘कार्तिक के लिए यह एक टॉर्चर रूम जैसा था। उसे आरामदायक जिंदगी जीने की आदत थी। चेन्नई में वह बंगले में रहता था, लेकिन जब वह मेरे पास आया तब मैं उसे ऐसे जोन में लेकर जाना चाहता था, जिससे वह अनजान था। कार्तिक के लिए उस छोटे से कमरे में रहना काफी मुश्किल था और वह कई बार मेरे ऊपर गुस्सा भी करता था। एक बार उसने मुझसे आग्रह किया कि मैं उसे होटल के कमरे में रहने दूं, लेकिन मैंने उसकी बात नहीं सुनी।’
नायर ने आगे बताया, ‘उस वक्त रणजी में भी कार्तिक का प्रदर्शन निराशाजनक ही रहा था और आईपीएल नीलामी में भी उसके दाम घट गए थे। 9 करोड़ में बिकने वाले खिलाड़ी को उस वक्त गुजरात लायन्स ने महज 2 करोड़ रुपए में खरीदा था। वह ऐसा समय था जब कार्तिक ने यह सोच लिया था कि अगर अब वह अच्छा नहीं खेला तो आगे कोई भी टीम उसे नहीं खरीदेगी।’ कार्तिक ने जब नायर से मदद मांगी तब उन्होंने मुंबई में एक लोकल कोच अपूर्व देसाई से मुलाकात की और दिनेश के लिए रूटीन तैयार किया। कार्तिक को उस दौरान ना केवल टॉर्चर रूम में रहना पड़ा बल्कि उन्हें कठिन ट्रेनिंग भी करनी पड़ी।
नायर ने बताया, ‘दोपहर में हम कार्तिक को दो बार ट्रेनिंग देते थे। हम जिम करते थे, बल्लेबाजी का अभ्यास करते थे और कई बार मेडिटेशन भी करते थे। हम बल्लेबाजी की तकनीक पर ध्यान देते थे, जो तकनीक हमने उस वक्त फॉलो की थी, उसे कार्तिक आज भी इंटरनेशनल गेम में इस्तेमाल करते हैं। कड़े अभ्यास का नतीजा रहा कि कार्तिक ने उस सीजन में गुजरात लायन्स के लिए अच्छा प्रदर्शन किया।’ नायर ने ना केवल कार्तिक का गेम बदला, बल्कि उन्होंने ऐसा ही कुछ साल 2011 में बल्लेबाज रोहित शर्मा के लिए किया था। कार्तिक चाहते थे कि नायर वही प्लान जो शर्मा के लिए तैयार किया गया था, उन पर भी लागू करें, लेकिन उनके लिए नायर के पास अलग प्लान था। नायर ने बताया, ‘कार्तिक को सुबह जल्दी उठकर, कसरत करने की आदत थी। वह एक बार कसरत कर लेता तो सोचता कि बस आज का दिन निकल गया। इसलिए मैंने जानबूझकर उसका ट्रेनिंग सेशन शाम में रखा। कई बार वह बच्चे की तरह परेशान हो जाता और दिन भर पूछता रहता था कि ट्रेनिंग कब होगी, ट्रेनिंग कब होगी।’