आईसीसी विश्व कप 2015 के सेमीफाइनल मैच में गुरुवार को ऑस्ट्रेलिया के हाथों हारकर बाहर हो चुकी भारतीय टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धौनी ने अंतर्राष्ट्रीय एकदिवसीय के नियमों में परिवर्तन की बात की और कहा कि अत्यधिक चौकों-छक्कों ने क्रिकेट के इस प्रारूप को उबाऊ बना दिया है।

धौनी ने कहा कि वनडे को टी-20 जैसा नहीं होना चाहिए।

धौनी ने कहा, ‘‘यह मेरी निजी राय है, मैं इसमें बदलाव करना चाहूंगा। क्रिकेट के इतिहास में हमने 200 का निजी स्कोर नहीं देखा था, लेकिन पिछले तीन वर्षों में तीन बार 200 से अधिक के निजी स्कोर बने।’’


उन्होंने आगे कहा, ‘‘बहुतेरे लोग कहेंगे कि अतिरिक्त क्षेत्ररक्षकों के घेरे के अंदर रहने से अधिकांश गेंदों पर रन नहीं बन पाते। मैं कहना चाहूंगा कि उन्होंने घेरे के बाहर भेजे जाने का विकल्प होना चाहिए। आप अपने सभी खिलाड़ियों को चाहे घेरे के अंदर बुला सकते हैं। इस पर आगे विचार करना होगा।’’

धौनी की टीम को सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया से मिले 329 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए 46.5 ओवरों में 233 रनों पर सिमट गई और उन्हें 95 रनों से यह मैच गंवाना पड़ा।


धौनी ने कहा, ‘‘ओडीआई को टी-20 जैसा नहीं बनने देना चाहिए, क्योंकि मुझे लगता है कि चौकों-छक्कों की भरमार ने इस प्रारूप को उबाऊ बना दिया है।’’