IND vs AUS: मेलबर्न टेस्ट मैच की पहली पारी में जहां कई भारतीय धुरंधर फेल हो गए थे वहां निचले क्रम पर बल्लेबाजी करने आए भारत के युवा ऑलराउंडर ने टीम के लिए अहम शतकीय पारी खेली और रोहित शर्मा को बड़ी मुसीबत से बाहर निकालने का काम किया। नितीश रेड्डी ने पहली पारी में अपने टेस्ट क्रिकेट करियर का पहला शतक लगाने में सफलता हासिल की और ऑस्ट्रेलिया की धरती पर टेस्ट क्रिकेट में ये उनका पहला शतक भी रहा।

नितीश रेड्डी ने जिन परिस्थिति में ये शतकीय पारी खेली उसके बाद हर कोई उनकी जमकर तारीफ कर रहा है और इस युवा ऑलराउंडर को भारत का भविष्य बता रहा है। नितीश रेड्डी अच्छी बल्लेबाजी तो करते हैं हीं वो गेंदबाजी भी करते हैं, लेकिन मेलबर्न में शतक लगाने वाले इस खिलाड़ी ने बताया कि वो अपने खेल से इस वक्त खुश नहीं हैं और गेंदबाजी में सुधार करना चाहते हैं।

नितीश ने कहा- गेंदबाजी है काम करने की जरूरत

नितीश रेड्डी ने पीटीआई से बात करते हुए कहा कि मेरी उम्मीद थी कि मैं भारत के लिए एक अच्छा ऑलराउंडर बनूंगा। मैं अभी भी अपनी गेंदबाजी से खुश नहीं हूं, मुझे अपनी गेंदबाजी पर काम करने की जरूरत है और मैं ऑलराउंडर की भूमिका निभाना चाहता हूं। नितीश कुमार रेड्डी ने आगे कहा कि कुछ लोगों को मुझ पर संदेह था कि युवा केवल आईपीएल में खेलते हैं और मैं उन्हें गलत महसूस कराना चाहता था।

नितीश कुमार रेड्डी ने कहा कि जब मैं कुछ नहीं था तब मेरे पिता मुझ पर विश्वास करते हुए अपनी नौकरी छोड़ दी और इस्तीफा दे दिया। वो मेरे साथ रहना चाहते थे और मेरा पूरा साथ देना चाहते थे। मैं उनके जैसा पिता पाकर बहुत आभारी हूं। नितीश ने कहा कि मैं बचपन से ही विराट भाई को देखता रहा हूं और उनके साथ खेला हूं। जब उन्होंने पर्थ में शतक लगाया था तो मैं भी वहां था। वहीं जब मैंने शतकीय पारी खेल तब उन्होंने इस पारी के लिए मेरी सराहना की और मैंने हमेशा इस पल का सपना देखा था और यह मेरे लिए सबसे अच्छा पल है।

इस बीच आपको बता दें कि मेलबर्न टेस्ट मैच के चौथे दिन बुमराह ने दूसरी पारी में सैम कोनस्टास को आउट करके एक बड़ा रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया और कपिल देव को पीछे छोड़ दिया।