भारत और ऑस्ट्रेलिया का टेस्ट इतिहास बहुत पुराना है। आजादी से पहले से भारत ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज खेल रहा है। आजादी के बाद जब भारत ने पहली बार ऑस्ट्रेलिया का दौरा किया तब उन्हें बीच सीरीज में ऐसी खबर मिली जिसने खिलाड़ियों का दिल तोड़ दिया। भारतीय टीम पर इस खबर का ऐसा असर हुआ जिसके बाद वह दौरा तक रद्द करना चाहती थी। दौरा तो रद्द नहीं हुआ लेकिन मेलबर्न में पहली बार दो टीमें किसी भारतीय के लिए मौन में खड़ी हुई। हालांकि यह भारतीय कोई क्रिकेटर नहीं था।

IND vs AUS: इंग्लैंड के दिग्गज ने क्यों लगाई भारत और ऑस्ट्रेलिया को लताड़, मौजूदा खिलाड़ियों की सोच पर उठाया सवाल?

1947-48 का ऑस्ट्रेलिया दौरा

भारत 1947-48 के दौरे के लिए ऑस्ट्रेलिया पहुंचा। ऑस्ट्रेलिया ने ब्रिस्बेन में पहला टेस्ट मुकाबला जीता। इसके बाद सिडनी में खेला गया टेस्ट ड्रॉ रहा। ऑस्ट्रेलिया ने ब्रिस्बेन टेस्ट गंवाया। भारत ने 233 रन से मैच जीता। चौथा टेस्ट भी ऑस्ट्रेलिया के ही नाम रहा। एडिलेड टेस्ट 28 जनवरी को खत्म हुआ।

महात्मा गांधी की हत्या ने तोड़ दिया था भारतीयों का दिल

इसके बाद 30 जनवरी को भारतीय टीम को खबर मिली की राष्ट्रीय पिता महात्मा गांधी की हत्या हो गई है। सात समंदर पार टीम इंडिया का दिल इस खबर से टूट गया। गिडेयोन हाइ ने अपनी किताब में लिखा कि टीम इंडिया के मैनेजर ने बताया कि भारतीय खिलाड़ियों के लिए वह बहुत मुश्किल समय था। टीम के खिलाड़ी पूरी रात नहीं सोए। कई खिलाड़ी खबर सुनकर रोए भी। साथ ही ऑल-इंडिया रेडियो पर समाचार सुनते रहे। टीम दौरा रद्द भी करना चाहती थी।

महात्मा गांधी के लिए रखा गया मौन

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हालांकि दौरा रद्द नहीं हुआ है। पांचवां टेस्ट मैच मेलबर्न में खेला जाना था। मैच से पहले दोनों टीमों के खिलाड़ियों ने महात्मा गांधी के लिए एक मिनट का मौन रखा। खिलाड़ियों ने काले रंग की पट्टी भी बांध रखी थी। यह पहला मौका था जब ऑस्ट्रेलिया में किसी गैर-ब्रिटिश के लिए इस तरह का मौन रखा गया है। यह मैच ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज डॉन ब्रैडमैन का घर पर आखिरी टेस्ट मैच था। ब्रैडमैन ने कहा था कि इस मैच में भारतीय खिलाड़ी दिल से नहीं खेल पाए। वह बहुत दुखी थे। भारत पारी और 177 रन से यह मैच हारा था। साथ ही सीरीज भी 4-0 से गंवाकर देश लौटे।