इंग्लैंड ने 5 मैचों की टेस्ट सीरीज के तीसरे टेस्ट मैच में भारत को हराकर 2-1 की बढ़त बना ली। लॉर्ड्स टेस्ट में भारतीय टीम 193 रन के लक्ष्य को हासिल नहीं कर पाई। यह मैच काफी उथल-पुथल भरा रहा। चौथे दिन तक यह साफ नहीं था कि कौन जीतेगा? हालांकि, भारत के 58 रन पर 4 विकेट गिरने से इंग्लैंड का पलड़ा भारी था। केएल राहुल और ऋषभ पंत जैसे बल्लेबाज के होने से भारत भी मैच में था, लेकिन 5वें दिन पहले सत्र में 4 विकेट गिरे और उम्मीदें धाराशायी हो गई थीं। इसके बाद रविंद्र जडेजा ने जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद सिराज के साथ अच्छी बल्लेबाजी की। भारत चायकाल के बाद 22 रन से हारा।

आइए जानते हैं भारत की हार के 5 कारण

भारत भले 5वें दिन मैच हारा हो, लेकिन वह मैच में तभी पीछे हो गया था जब पहली पारी में बढ़त नहीं ले पाया। लॉर्ड्स की पिच आसान नहीं थी। ऐसे में चौथी पारी में किसी भी टीम के लिए कोई भी लक्ष्य आसान नहीं होता। अगर भारत पहली पारी में 25-30 रन की भी बढ़त ले लेता तो इससे बड़ा फर्क पड़ता। ऐसा नहीं था कि भारत बढ़त नहीं ले सकता था। भारत ने पहली पारी में आखिरी 4 विकेट 11 रन पर गंवा दिए।

ऋषभ पंत और केएल राहुल के बीच पहली पारी में 141 रन की साझेदारी हुई थी। तीसरे दिन लंच से ठीक पहले यह साझेदारी टूटी केएल राहुल के शतक पूरा करने के चक्कर में। अच्छी बल्लेबाजी कर रहे पंत रन आउट हो गए। बेन स्टोक्स ने बेहतरीन थ्रो मारा। पंत ने 74 रन बनाए थे। वह थोड़ी देर और बल्लेबाजी कर लेते तो भारत निश्चित रूप से पहली पारी में बढ़त लेने में कामयाब होता।

इंग्लैंड के विकेटकीपर बल्लेबाज जेमी स्मिथ ने पहली पारी में 51 रन बनाए। केएल राहुल ने मोहम्मद सिराज की गेंद पर स्लिप में उनका कैच छोड़ा। तब स्मिथ 1 रन पर थे। इसके बाद उन्होंने 50 रन जोड़े। वह जब आउट हुए तब इंग्लैंड का स्कोर 355 तक पहुंच गया था।

भारतीय टीम को 63 अतिरिक्त रन काफी सताएंगे। इंग्लैंड को पहली पारी में 31 रन अतिरिक्त मिले। इसमें 11 बाय, 12 लेग बाय, 5 वाइड और 2 नोबॉल थे। इंग्लैंड को दूसरी पारी में 32 रन अतिरिक्त मिले। 25 बाय, लेग बाय 6 और 1 नोबॉल थे।

भारतीय टीम ने दूसरी पारी में 8वां विकेट 39वें ओवर की तीसरी गेंद पर खोया। इसके बाद रविंद्र जडेजा और जसप्रीत बुमराह ने 132 गेंद पर 35 रन की साझेदारी की। जडेजा ने इस दौरान बड़े शॉट लगाने के प्रयास नहीं किए। बुमराह ने 54 गेंदों का सामना किया। जडेजा ने रन बनाने के प्रयास किए होते तो शायद नतीजा कुछ भी हो जाता। मोहम्मद सिराज के साथ 80 गेंद पर 23 रन की साझेदारी की। जडेजा नाबाद रह गए।