Who is Vaishnavi Sharma: भारतीय महिला क्रिकेट टीम में रविवार 21 दिसंबर को चंबल से आने वाली एक 20 साल की युवा खिलाड़ी ने डेब्यू किया। उनका नाम है वैष्णवी शर्मा जिनको श्रीलंका के खिलाफ पांच मैचों की टी20 सीरीज के पहले मुकाबले में डेब्यू कैप मिली। कप्तान हरमनप्रीत कौर ने उन्हें कैप सौंपी और वह भारत की 89वीं महिला टी20 क्रिकेटर बनीं।

वैष्णवी शर्मा की बात करें तो उनका जन्म 18 दिसंबर 2005 को ग्वालियर के चंबल क्षेत्र में हुआ था। वह चंबल से आने वाली भारत की पहली क्रिकेटर बनीं। उन्हें यूथ लेवल और घरेलू स्तर पर शानदार प्रदर्शन का फल मिला है। वैष्णवी ने इसी साल फरवरी में अंडर 19 विश्व कप का खिताब भी भारत की यूथ महिला टीम के साथ जीता था।

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अंडर 19 भारतीय महिला टीम को चैंपियन बनाने में वैष्णवी का अहम योगदान रहा था। उन्होंने टूर्नामेंट में करीब 4.3 की इकॉनमी से 6 मैचों में 17 विकेट झटके थे। वह टूर्नामेंट की लीडिंग विकेट टेकर भी थीं। उसके बाद सीनियर विमेंस टूर्नामेंट में उन्होंने 9 मैचों में 21 विकेट झटके। वहीं सीनियर विमेंस इंटर जोनल टूर्नामेंट में वैष्णवी ने 5 मैचों में 12 विकेट झटके।

पिता ने कुंडली देख बनाया क्रिकेटर…

वैष्णवी शर्मा के पिता पेशे से ज्योतिष हैं और वह ग्वालियर की एक यूनिवर्सिटी में एस्ट्रोलॉजी के प्रोफेसर भी हैं। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए बताया था कि उन्होंने बचपन में जब वैष्णवी की कुंडली देखी थी तो उसमें ऐसा लिखा था कि उनका भविष्य मेडिसिन या खेल की लाइन में हो सकता है। उसके बाद जब वैष्णवी की समझ बढ़ी तो उनका लगाव क्रिकेट की तरफ शुरू हो गया जिसके बाद उनके पिता ने उन्हें क्रिकेटर बनाने का फैसला किया।

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वुमेंस प्रीमियर लीग के अगले सीजन के लिए नवंबर में हुए ऑक्शन में वैष्णवी शर्मा को किसी ने भी नहीं खरीदा था। बाएं हाथ की स्पिन गेंदबाज को पहले आरसीबी और मुंबई इंडियंस की विश लिस्ट का हिस्सा बताया गया था लेकिन ऑक्शन में वह खाली हाथ रह गई थीं। अब एक महीने बाद टीम इंडिया में मौका मिलने से वैष्णवी की यह निराशा कुछ हद तक दूर हो सकती है।

कैसा रहा वैष्णवी शर्मा का डेब्यू?

वैष्णवी शर्मा के डेब्यू की बात करें तो यह काफी शानदार रहा है। उनका इंटरनेशनल विकेटों का खाता जरूर नहीं खुला लेकिन 4 ओवर में सिर्फ 16 रन देकर श्रीलंका के खिलाफ वह सबसे किफायती गेंदबाज बनीं। इसके बाद उन्हें प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी भेजा गया, जहां उनका कॉन्फिडेंस नजर आ रहा था।

अभी यह सीरीज पांच मैचों की है बचे हुए मुकाबलों में वह अपनी स्पिन गेंदबाजी से विकेटों की झड़ी लगा सकती हैं। इसी को लेकर वैष्णवी ने मीडिया से बात करते हुए कहा,”विकेट नहीं मिलने से मैं किसी भी तरह से निराश नहीं हूं। मुझे खुशी है कि मैं अपनी रणनीति पर अच्छी तरह से अमल करने में सफल रही। अभी चार मैच खेले जाने बाकी हैं।”

उन्होंने आगे बताया,”शुरू में मैं थोड़ी नर्वस थी लेकिन राष्ट्रगान के बाद सहज हो गई थी। वह (हरमनप्रीत) मुझसे कह रही थीं कि मैंने पहले अच्छा प्रदर्शन किया है। जब भी हम सब मिलकर चर्चा करते हैं, तो वह हमें एक ही बात पर ध्यान केंद्रित करने के लिए कहती हैं कि हम आज क्या अच्छा कर सकते हैं। टीम का माहौल बहुत अच्छा है। मैं आसानी से सबके साथ घुल-मिल गई।”