भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने 3 मैचों की वनडे सीरीज के दूसरे मैच में बुधवार (19 जून) को आखिरी गेंद पर 4 रन से हरा दिया। बेंगलुरु के एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में खेले गए दूसरे वनडे में 100 ओवर में केवल 9 विकेट गिरे और 646 रन बने। स्मृति मंधाना, हरमनप्रीत कौर, लॉरा वोल्वार्ड्ट और मारिजान कैप ने शतक जड़ा। आखिरी गेंद पर नतीजा निकला। भारत ने 3 में से 2 मैच जीतकर अजेय बढ़त बना ली।

भारत ने रविवार को यहां पहले मैच में दक्षिण अफ्रीका को 143 रनों से हराया था। भारत ने मंधाना के 136 (120गेंद, 18×4, 2×6) और हरमनप्रीत के नाबाद 103 (88गेंद, 9×4, 3×6) की बदौलत तीन विकेट पर 325 रन का विशाल स्कोर बनाया। यह मंधाना का सातवां और हरमन का छठा वनडे शतक था। हालांकि, प्रोटियाज ने कैप 114 रन ( 94गेंद, 11×4, 3×6) और वोल्वार्ड्ट नाबाद 135 (135गेंद, 12×4 3×6) की साझेदारी की मदद से वापसी की। दोनों ने चौथे विकेट के लिए 170 गेंदों पर 184 रन जोड़े, लेकिन टीम छह विकेट पर 321 रन ही बना सकी।

अरुंधति रेड्डी ने भारत को अच्छी शुरुआत दिलाई

भारतीय गेंदबाजों ने शुरुआत में दक्षिण अफ्रीका के बल्लेबाजों को खुलकर खेलने का मौका नहीं दिया और नियमित अंतराल पर विकेट चटकाए।
रेणुका सिंह की जगह खेलने उतरी तेज गेंदबाज अरुंधति रेड्डी ने भारत को अच्छी शुरुआत दिलाई और ताजमिन ब्रिट्स के डिफेंस को चकमा दिया।
मंधाना ने सुने लुस को रिचा घोष के हाथों कैच आउट कराकर अपना पहला अंतरराष्ट्रीय विकेट हासिल किया।

आखिरी 10 ओवरों में साउथ अफ्रीका को 103 रनों की आवश्यकता थी

इसके बाद वोल्वार्ड्ट और कैप ने मिलकर भारतीय स्पिनरों का बेहतरीन फुटवर्क और शॉट सिलेक्शन के साथ सामना किया। 53 गेंदों पर पचास रन बनाने वाली कैप ने आक्रामक बल्लेबाजी की। वोलवार्ड्ट ने कैप का पूरा साथ दिया और वस्त्रकार की गेंद पर मिड-विकेट पर चौका लगाकर 69 गेंदों पर अपना अर्धशतक पूरा किया। आखिरी 10 ओवरों में साउथ अफ्रीका को 103 रनों की आवश्यकता थी।

वस्त्राकर ने आखिरी ओवर में 11 रन बचाए

क्रीज पर कैप और वोल्वार्ड्ट के साथ यह असंभव नहीं लग रहा था। 85 गेंदों में अपना शतक पूरा करने वाली कैप ने ऑफ स्पिनर दीप्ति शर्मा के खिलाफ जोरदार हमला बोला, लेकिन वस्त्राकर ने बाउंड्री के पास एक बेहतरीन कैच लपककर इस खतरनाक साझेदारी को तोड़ दिया। इसके बाद वोल्वार्ड्ट ने नादिन डी क्लार्क के साथ मिलकर पांचवें विकेट के लिए 41 गेंदों पर 69 रन जोड़े, लेकिन यह पर्याप्त नहीं था, क्योंकि वस्त्राकर ने आखिरी ओवर में 11 रन बचाए।

मंधाना और हरमनप्रीत ने तीसरे विकेट के लिए 171 रन जोड़े

इससे पहले, मंधाना और हरमनप्रीत ने तीसरे विकेट के लिए 171 रन जोड़कर भारत को मजबूत स्कोर तक पहुंचाया। वोलवार्ड्ट का गेंदबाजी करने का फैसला सही साबित हुआ। अयाबोंगा खाका और मसाबाता क्लास ने आसमान में बादलों के बीच अच्छी उछाल और मूवमेंट पाई। दरअसल, खाका ने लगातार दो मेडन के साथ शुरुआत की। शैफाली वर्मा फिर जल्दी आउट हुईं। मंधाना ने अपना खाता खोलने के लिए 18 गेंदें लीं। शैफाली के आउट होने के बाद मंधाना और दयालन हेमलता ने दूसरे विकेट के लिए 62 रन जोड़े।

मंधाना ने शंगासे को एक ओवर में पांच चौके जड़े

शंगासे की गेंद पर दो छक्के लगाने वाली हेमलता (24) और भी अच्छी फॉर्म में दिख रही थीं, लेकिन क्लास को स्लॉग-स्वीप करने की कोशिश में एनेके बॉश के हाथों लपकी गईं। हालांकि, कप्तान हरमनप्रीत के आने से पारी का रुख बदल गया। भारत की रन-रेट जो तब तक 4 के आसपास थी, पहले पांच और फिर छह रन प्रति ओवर से ऊपर पहुंच गई। मंधाना ने शंगासे को लगातार तीन चौके लगाए। इस दौरान उन्होंने छह गेंदों पर कुल पांच चौके लगाए और 90 के स्कोर पर पहुंच गईं।