सूर्यकुमार यादव टी20 फॉर्मेट के बेहतरीन खिलाड़ी हैं, लेकिन उन्हें जब-जब वनडे प्रारूप में मौका मिला है उन्होंने निराश किया है और बार-बार मौका दिए जाने के बाद भी वो क्लिक नहीं कर पाए हैं। वेस्टइंडीज के खिलाफ तीन मैचों की वनडे सीरीज में भी वो पहले दो मैचों में खेल चुके हैं, लेकिन उनके बल्ले से रन नहीं निकले। इससे पहले ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीन मैचों की वनडे सीरीज में तो वो तीनों ही मुकाबलों में जीरो पर आउट हुए थे। अब इंडीज के खिलाफ पहले मैच में उन्होंने 19 रन जबकि दूसरे मैच में 24 रन बनाए थे।
सूर्यकुमार को लेकर द्रविड़ का तर्क कितना सही
सूर्यकुमार के बार-बार फेल होने और उन्हें टीम में जगह दिए जाने को लेकर टीम के हेड कोच राहुल द्रविड़ ने बयान दिया कि वह एक अच्छे खिलाड़ी हैं और इसमें कोई संदेह नहीं है, लेकिन वनडे में उनका खेल टी20 के स्तर तक नहीं पहुंच पाया है और वो वनडे खेलना सीख रहे हैं। हम उन्हें अधिक से अधिक मौका देना चाहते हैं। राहुल द्रविड़ का सूर्यकुमार के बारे में इस तरह से कहना कि वो वनडे मैच खेलना सीख रहे हैं यह कहीं से भी सही नहीं लगता है।
सूर्यकुमार यादव अभी 32 साल के हैं और उन्होंने भारत के लिए पहला वनडे मैच 18 जुलाई 2021 को खेला था यानी सूर्यकुमार यादव उस वक्त 30 साल के थे। यही नहीं सूर्यकुमार यादव ने घरेलू क्रिकेट में अब तक 127 लिस्ट ए मुकाबले खेले हैं और इतने मैच खेलने के बाद भी अगर यह कहा जाए कि वो अभी वनडे क्रिकेट खेलना सीख रहे हैं और इससे हास्यास्पद और कुछ नहीं हो सकता है। सूर्यकुमार यादव के पास वनडे मैच खेलने का काफी लंबा अनुभव है और अगर वो क्लिक नहीं कर पा रहे हैं तो यह उनकी गलती है। उन्हें इस बात को समझने की जरूरत है कि आखिर उनकी तकनीक में कहां पर खामी है और इसे दूर करने की आवश्यकता है।
सूर्यकुमार यादव के लिस्ट ए मैचों की बात करें तो उन्होंने 127 मैचों में 3330 रन बनाए हैं जिसमें 3 शतक भी शामिल है। उनका औसत 33.97 का रहा है और बेस्ट स्कोर नाबाद 134 रन रहा है। यहां पर उनका औसत इतना भी खराब नहीं है, लेकिन मैचों की संख्या को देखते हुए रन थोड़े कम जरूर लगते हैं। यानी वनडे प्रारूप में वो शुरू से ही थोड़े कमजोर से रहे हैं और यह बात उनके करियर के आंकड़े साफ तौर पर कहते हैं। ऐसे में वो भारतीय वनडे टीम में कितने फिट होंगे और कितने उपयोगी साबित होंगे इस पर गौर करते हुए रणनीति बनाने की जरूरत है। कहीं ऐसा ना हो कि टीम उन पर दांव लगाती रहे और सही समय पर सही खिलाड़ी को जगह नहीं मिल पाए तो इससे टीम का ही नुकसान होगा।