वेस्टइंडीज के खिलाफ 12 जुलाई से शुरू हो रही दो टेस्ट मैचों की सीरीज से पहले रवींद्र जडेजा का प्रदर्शन भारतीय टीम के लिए बेहद अहम रहने वाला है। दुनिया के नंबर वन टेस्ट ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा भारतीय कंडीशन से बाहर एक वर्ल्ड क्लास प्लेयर साबित होते हैं। गेंद और बल्ले से दमदार प्रदर्शन करने वाले जडेजा की वजह से ही टीम इंडिया पांच गेंदबाजों को खिलाने की अपनी रणनीति के साथ खेलने में सक्षम रहती है।
वेस्टइंडीज में जडेजा का बैटिंग प्रदर्शन
पिछले 4-5 साल के अंदर जडेजा ने विभिन्न परिस्थितियों में रन भी बनाए हैं और अपनी टीम के लिए विकेट भी चटकाए हैं, लेकिन वेस्टइंडीज के खिलाफ उसी के घर में जडेजा का रिकॉर्ड बहुत अच्छा नहीं है। जडेजा ने वेस्टइंडीज के खिलाफ कुल 5 टेस्ट मैच खेले हैं, जिसमें से कैरेबियाई धरती पर उन्होंने 3 टेस्ट खेले हैं। इन तीन टेस्ट की 5 पारियों में जडेजा ने बल्ले से कुल 97 रन बनाए हैं।
2016 का दौरा नहीं रहा था अच्छा
रवींद्र जडेजा ने 2016 के दौरे पर सेंट लूसिया में सिर्फ एक ही टेस्ट खेला था, जिसकी दोनों पारियों में उनके बल्ले से सिर्फ 16 रन निकले थे। 2016 में जडेजा के खेल का वह स्तर नहीं था जो आज है। जडेजा 3 साल बाद 2019 में फिर से वेस्टइंडीज दौरे पर टेस्ट टीम का हिस्सा बने, लेकिन इस बार उन्होंने अपनी बल्लेबाजी से प्रभावित किया। उन्होंने एंटीगुआ में पहले टेस्ट की पहली पारी में 58 रन बनाए।
2019 में भी नहीं चला था जडेजा का बल्ला
इसी दौरे पर अगले टेस्ट में जडेजा ने सिर्फ एक पारी में ही बैटिंग की, जहां उन्होंने 16 रन बनाए। 2019 के बाद जडेजा तीसरी बार वेस्टइंडीज में टेस्ट सीरीज खेलेंगे, लेकिन इस बार उनका प्रयास यही होगा कि आईपीएल फाइनल के बाद से उनका अपनी बल्लेबाजी को लेकर जो आत्मविश्वास है वह टेस्ट सीरीज में काम आए।
गेंदबाजी में प्रभावी दिखे जडेजा
कैरेबियाई सरजमीं पर रवींद्र जडेजा ने गेंद से अपना प्रभाव अधिक दिखाया है। हालांकि जडेजा से विदेशी जमीं पर उतनी गेंदबाजी नहीं कराई जाती जितनी भारतीय कंडीशन में कराई जाती है। वेस्टइंडीज के दो दौरों पर जडेजा ने 10 विकेट हासिल किए हैं। 2016 में खेले एकमात्र टेस्ट में तीन विकेट लेने के बाद जडेजा ने 2019 में 7 विकेट और लिए थे, इसलिए 12 जुलाई को जब भारत पहले टेस्ट में उतरेगा तो जडेजा की भूमिका अहम रहने की संभावना है।