भारतीय क्रिकेट टीम के खिलाड़ी वेस्टइंडीज के खिलाफ क्रिकेट सीरीज खेलने के लिए वेस्टइंडीज पहुंच चुके हैं। इस दौरे पर दोनों देशों के बीच पहले दो मैचों की वनडे सीरीज खेली जाएगी और इसके बाद तीन मैचों की वनडे सीरीज और फिर पांच मैचों की टी20 सीरीज का आयोजन किया जाएगा। भारत और वेस्टइंडीज के बीच टेस्ट सीरीज की शुरुआत 12 जुलाई से होगी, लेकिन एक बार फिर से इस पर जमकर चर्चा होगी कि इस टेस्ट सीरीज में बतौर विकेटकीपर प्लेइंग इलेवन में केएस भरत को शामिल किया जाए या फिर इशान किशन को।
केएस भरत या इशान किशन
केएस भरत ने इसी साल ऑस्ट्रेलिया के भारत दौरे पर चार मैचों की टेस्ट सीरीज के दौरान अपने टेस्ट क्रिकेट करियर की शुरुआत की थी। ऋषभ पंत के टीम में नहीं होने के वजह से उन्हें यह मौका दिया गया था। इस टेस्ट सीरीज में केएस भरत ज्यादा प्रभावित नहीं कर पाए थे, लेकिन जब बात वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप की आई तो वहां पर उन्हें प्लेइंग इलेवन में शामिल किया गया। इसके पीछे तर्क ये था कि उनके पास इशान किशन के मुकाबले टेस्ट क्रिकेट खेलने का ज्यादा अनुभव है। बात सही भी थी क्योंकि इशान ने अब तक एक भी टेस्ट मैच नहीं खेला है, लेकिन भरत कुछ मैच खेल चुके थे।
खैर, भरत को ऑस्ट्रे्लिया के खिलाफ वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप 2023 के फाइनल में मैदान पर उतारा गया। वहां विकेट के पीछे वो काफी बेहतर रहे, लेकिन बल्लेबाजी में वो पूरी तरह से फिसड्डी साबित हुए और दो पारियों में उनके बल्ले से सिर्फ 5 और 23 रन निकले। इससे पहले ऑस्ट्रेलिया के भारत दौरे पर खेले गए चार टेस्ट मैचों में भी उन्होंने 6 पारियों में 101 रन बनाए थे। यानी बल्ले से उन्होंने पूरी तरह से इन सभी टेस्ट मैचों में निराश किया है और इसकी वजह से भारत की निचले क्रम की बल्लेबाजी टेस्ट क्रिकेट में पूरी तरह से फेल नजर आती है।
भारतीय टेस्ट टीम में अगर ऋषभ पंत होते हैं तो वो निचले क्रम पर बड़ी पारी खेलने की क्षमता रखते हैं और इसका फायदा टीम को मिलता है, लेकिन केएस भरत के पास वैसी क्षमता नहीं दिखती है। विकेटकीपर भी अगर टीम के लिए कुछ रन नहीं बनाए तो वैसे खिलाड़ी की टीम को आवश्यकता ही क्या है। अगर आप ऑस्ट्रेलिया या इंग्लैंड टेस्ट टीम के विकेटकीपर को देखें तो वो बेहतरीन बल्लेबाज भी हैं, लेकिन भारत के साथ बात थोड़ी अलग हो जाती है तो इस स्थिति में अगर इशान किशन को आजमाया जाए तो इसमें बुराई क्या है। अगर वो निचले क्रम पर बल्लेबाजी करते हैं तो टीम की बल्लेबाजी मजबूत होगी और इसमें गहराई भी नजर आएगी।
वेस्टइंडीज दौरे पर अगर इशान किशन को मौका मिलता है तो उनमें इतनी क्षमता है कि वो टेस्ट में भी तेज गति से टीम के लिए रन बना सकते हैं। इशान के खेलने का टेंपरामेंट काफी हद तक ऋषभ पंत के जैसा ही है और विकेट के पीछे भी वो अच्छे साबित हो सकते हैं। इशान किशन घरेलू टूर्नामेंट हो या फिर आईपीएल वो विकेटकीपिंग करते हैं और बल्लेबाजी उनकी कितनी आक्रामक है ये बताने की जरूरत नहीं है। ऋषभ पंत अभी ठीक नहीं हैं और वो कब तक वापसी करेंगे इसके बारे में साफ नहीं है ऐसी स्थिति में अगर उनकी तरह कोई आक्रामक विकेटकीपर-बल्लेपबाज टीम के पास है तो उन्हें आजमाने में कोई बुराई नहीं है। अगर आप खिलाड़ी पर विश्वास दिखाएंगे तभी वो और ज्यादा निखरकर सामने आएगा।