वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल (WTC Final) में हार के बाद टीम इंडिया के कुछ खिलाड़ियों का प्रदर्शन, उम्र और फिटनेस चर्चा का कारण बना हुआ है। उमेश यादव के खराब प्रदर्शन और उम्र को देखते हुए फास्ट बॉलर्स के विकल्प पर भी चर्चा हो रही है। कयास लगाए जा रहे हैं टीम में बड़े बदलाव हो सकते हैं। इसकी शुरुआत वेस्टइंडीज दौरे से ही हो सकती है। ऐसे में मुमकिन है कि 36 साल के उमेश का टीम से पत्ता साफ हो जाए और किसी नए गेंदबाज को मौका मिल जाए।
वर्तमान टीम की बात करें तो जयदेव उनादकट एक विकल्प हैं। 31 वर्षीय बाएं हाथ के इस तेज गेंदबाज की पिछले साल दिसंबर में टीम इंडिया में वापसी हुई। बांग्लादेश दौरे पर उन्होंने 12 साल बाद कोई टेस्ट मैच खेला था। यह उनके टेस्ट करियर का दूसरा मैच था। उन्होंने दिसंबर 2010 में डेब्यू किया था। इसके बाद वह टीम का हिस्सा बने हुए हैं, लेकिन कोई मैच नहीं खेले हैं। डब्ल्यूटीसी फाइनल में टीम इंडिया 4 तेज गेंदबाजों के साथ उतरी थी, लेकिन उनादकट बेंच पर बैठे हुए थे।
जयदेव उनादकट कबतक रहेंगे टीम का हिस्सा
टीम इंडिया को एक बाएं हाथ के तेज गेंदबाज की कमी लंबे समय से खल रही है। जहीर खान ने साल 2015 में संन्यास लिया था। इसके बाद से टीम को एक क्वालिटी लेफ्ट आर्म सीमर की तलाश है। जयदेव उनादकट ने घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन किया है, लेकिन उम्र को देखते हुए यह कहना मुश्किल है कि सौराष्ट्र के इस तेज गेंदबाज का करियर कितना लंबा होगा। टीम मैनेजमेंट उन्हें लंबी रेस के घोड़े के तौर पर देख रहा है या नहीं? भुवनेश्नर कुमार का उदाहरण हमारे सामने है। उन्हें सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट नहीं मिला है। इसके अलावा 34 साल के इशांत शर्मा से भी टीम आगे बढ़ गई है। उन्होंने नवंबर 2021 में आखिरी टेस्ट खेला था, तब वह 32 साल के थे।
अर्शदीप सिंह जैसा गेंदबाज खत्म कर सकता है तलाश
टीम इंडिया की तलाश अर्शदीप सिंह जैसा गेंदबाज खत्म कर सकता है। वह फिलहाल केंट के लिए काउंटी क्रिकेट में खेल रहे हैं। उन्हें प्रथम श्रेणी क्रिकेट में सीमित अनुभव है, लेकिन वह अभी काफी युवा हैं। उनकी उम्र 34 साल है। उन्होंने सात मैच खेले हैं और 35.19 की औसत से 21 विकेट लिए हैं। अर्शदीप लिमिटेड ओवर्स क्रिकेट में टीम इंडिया का हिस्सा रहे हैं। इसके अलावा उन्होंने आईपीएल में पंजाब किंग्स (PBKS) के लिए अच्छा प्रदर्शन किया है। उन्होंने नई सफेद गेंद को स्विंग कराने की क्षमता दिखाई है। केंट के लिए काउंटी क्रिकेट खेलने से से उन्हें विदेशी परिस्थितियों में गेंदबाजी करने और ड्यूक गेंद से गेंदबाजी करने का मौका मिलेगा।
