भारत ने शुक्रवार यानी 6 दिसंबर 2019 को हैदराबाद के राजीव गांधी अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम पर वेस्टइंडीज को 6 विकेट से हरा दिया। इस जीत के साथ ही उसने 3 टी20 मैचों की सीरीज में 1-0 से बढ़त हासिल कर ली। इस मैच में विराट कोहली ने कप्तानी पारी खेली। उन्होंने नाबाद 94 रन बनाए। यह उनका टी20 में उच्चतम स्कोर भी है। उन्होंने 50 गेंद की अपनी पारी के दौरान 6 चौके और 6 छक्के लगाए।

अपनी तूफानी पारी के दौरान विराट एक समय बहुत गुस्से में देखे गए। भारतीय पारी के 13वें के दौरान वेस्टइंडीज के गेंदबाज केसरिक विलियम्स उनसे बीच पिच पर टकरा गए। दरअसल केसरिक गेंद को फील्ड करने की कोशिश कर रहे थे, जबकि विराट दौड़कर रन पूरा करने में जुटे थे। कोहली ने इसकी अंपायर से शिकायत की। इस पर विलियम्स ने माफी मांगने के अंदाज में अपने दोनों हाथ उठा दिए। हालांकि, इस पर भी कोहली का गुस्सा कम नहीं हुआ। उन्होंने केसरिक को सबक सिखाने की सोच रखी थी।

उन्होंने केसरिक के अगले ही और तेजी से रन बनाए। जब 5 ओवरों का खेल बचा था तब भारत को जीत के लिए 30 गेंद पर 54 रन चाहिए थे। केसरिक 16वां ओवर फेंकने आए। कोहली ने पहली ही गेंद पर चौका जड़ दिया। अगली गेंद पर कोहली ने फ्लिक कर लेग की दिशा में जबर्दस्त छक्का लगाया। छक्का लगाने के बाद कोहली ने कुछ ऐसा किया, जिसे मैदान पर बैठे दर्शक और टीवी मैच देख लाखों फैंस आश्चर्यचकित रह गए। कमेंटेटर भी उनकी उस हरकत पर अपनी प्रतिक्रिया देने से खुद को रोक नहीं पाए।

कोहली ने ‘नोटबुक उत्सव’ मनाया। इसके बाद हैदराबाद की भीड़ मानो रोमांचित हो उठी। ऐसा लगा केसरिक विलियम्स के लिए अब कुछ नहीं बचा है। कोहली ने पर्ची फाड़ने के अंदाज में क्रीज पर जश्न मनाया। हालांकि, सच्चाई यह है कि कोहली ने केसरिक से दो साल पुराना हिसाब चुकाया था। केसरिक विलियम्स ने 2017 में विराट को आउट करने के बाद कुछ ऐसा ही जश्न मनाया था। यह घटना जमैका में खेले गए टी-20 के दौरान देखी गई थी, तब केसरिक ने विराट को 29 के स्कोर पर आउट कर दिया था और पर्ची फाड़ने के अंदाज में अपनी खुशी जाहिर की थी। केसरिक की उस हरकत को कोहली भूले नहीं थे।

मैच के बाद कोहली ने कहा, ‘ऐसा पिछली बार जमैका में हुआ था। जब उन्होंने (केसरिक) ने मुझे आउट किया था, इसलिए मुझे लगा कि मैं भी उसे दोहराऊं। हालांकि, अंत में हमारे चेहरे पर मुस्कान थी, यही आप भी देखना चाहते हैं…यही प्रतिस्पर्धी क्रिकेट है आखिर में एक-दूसरे का सम्मान करते हैं।’