श्रीलंका के हाथों टी20 श्रृंखला में मिली हार के बाद भारतीय टीम के कोच राहुल द्रविड़ ने कहा कि इससे नयी पीढी के युवा भारतीय बल्लेबाजों ने सीखा कि सभी विकेट सपाट नहीं होती और उन्हें कम स्कोर वाली पिचों पर खेलने का हुनर सीखना होगा ।
भारत ने तीसरा टी20 गंवाने के बाद श्रृंखला में 1- 2 से पराजय झेली। कोरोना संक्रमण से जुड़े क्वारंटाइन प्रोटोकॉल के कारण भारत के नौ प्रमुख खिलाड़ी यह मैच नहीं खेल सके थे। यह पूछने पर कि क्या वह युवा बल्लेबाजों के प्रदर्शन से निराश हैं, द्रविड़ ने ना में जवाब दिया। उन्होंने कहा ,‘‘ मैं निराश नहीं हूं क्योंकि वे सभी युवा है। वे अनुभव से सीखेंगे। इस तरह के हालात और गेंदबाजी का सामना करने से सीखेंगे। श्रीलंकाई टीम की गेंदबाजी बहुत अच्छी है।’’
उन्होंने कहा ,‘‘ वे कुछ और रन बनाना चाहते होंगे। उन्हें यह सीखने को मिला कि हर पिच सपाटनहीं होगी। हमें इस तरह की पिचों पर 130-140 रन बनाना सीखना होगा।’’ द्रविड़ ने कहा ,‘‘ युवा खिलाड़ियों के लिये यह अच्छा सबक रहा। वे अपने प्रदर्शन का आत्ममंथन करके आगे बेहतर रणनीति बना सकेंगे। टी20 क्रिकेट में इस तरह के हालात अधिक नहीं मिलते लेकिन मिलने पर आपको बेहतर खेलना आना चाहिये।’’
द्रविड़ ने आगे कहा कि उन्होंने पूर्णकालिक आधार पर राष्ट्रीय टीम का कोचिंग पद संभालने के बारे में सोचा नहीं है। हालांकि उन्होंने कहा कि उन्होंने श्रीलंका में टीम की कोचिंग के ‘अनुभव का लुत्फ’ उठाया। द्रविड़ से उनके अनुभव साझा करने के लिये पूछा गया कि अगर भविष्य में मौका मिलता है तो वह क्या कोचिंग पद की जिम्मेदारी संभालना चाहेंगे।
इसपर महान बल्लेबाज ने कहा, ‘‘ईमानदारी से कहूं तो मैं जो अभी कर रहा हूं, उसमें खुश हूं। मैंने इस दौरे के अलावा किसी अन्य चीज के बारे में सोचा नहीं है।” उन्होंने कहा, ‘‘मैंने अनुभव का लुत्फ उठाया और मुझे इन खिलाड़ियों के साथ काम करना अच्छा लगा। यह शानदार रहा। और मैंने किसी अन्य चीज के बारे में सोचा नहीं है। पूर्णकालिक भूमिका निभाने में काफी चुनौतियां होती हैं इसलिये मैं वास्तव में नहीं जानता।”
भारतीय टीम के मुख्य कोच रवि शास्त्री इस समय भारतीय टेस्ट टीम के साथ हैं जो न्यूजीलैंड से विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप का फाइनल हार गयी थी और अब इंग्लैंड से पांच मैचों की श्रृंखला खेलेगी। शास्त्री का अनुबंध टी20 विश्व कप के अंत तक का है जो 17 अक्टूबर से 14 नवंबर तक संयुक्त अरब अमीरात और ओमान में खेला जाना है और अभी तक स्पष्ट नहीं है कि वह दोबारा से आवेदन भरना चाहेंगे क्योंकि उनकी उम्र 59 वर्ष है और भारतीय कोच पद के लिये उम्र की अधिकतम सीमा 60 वर्ष है।