दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 3 मैच की सीरीज के पहले टेस्ट की पहली पारी में मयंक अग्रवाल और केएल राहुल ने भारत को मजबूत शुरुआत दी। मयंक और राहुल ने पहले विकेट के लिए 34.3 ओवर में शतकीय साझेदारी पूरी की। मयंक अग्रवाल 60 रन के निजी स्कोर पर लुंगी एनगिडी की गेंद पर एलबीडब्ल्यू हुए।
मयंक और राहुल के बीच शतकीय साझेदारी में दक्षिण अफ्रीका के विकेटकीपर क्विंटन डीकॉक ने भी योगदान दिया। दरअसल, मयंक जब 36 रन पर खेल रहे थे, तब विकेट के पीछे डीकॉक से उनका एक आसान कैच छूट गया। इसके बाद मयंक अग्रवाल ने कोई मौका नहीं दिया।
पहले टेस्ट में मयंक ने केएल राहुल के मुकाबले अपेक्षाकृत तेज बल्लेबाजी की। उन्होंने 42 गेंद में 26 रन बना लिए थे। तब तक राहुल के खाते में इतनी ही गेंदों में 16 रन ही जुड़े थे। इसके बाद मयंक अगली 8 गेंद में सिर्फ 2 रन ही बना पाए। फिर उन्होंने 18वें ओवर की दूसरी और तीसरी गेंद पर लगातार 2 चौके लगाए। इसके साथ ही भारतीय क्रिकेट टीम का अर्धशतक भी पूरा हो गया।
हालांकि, अगली ही गेंद पर मयंक को डीकॉक ने जीवनदान दे दिया। मार्को जानसेन की चौथी गेंद पर डीकॉक ने उनका कैच टपका दिया। मार्को की यह गुड लेंथ गेंद थी। ऑफ स्टंप पर पड़कर बाहर की ओर जाती दिख रही थी। गेंद में अतिरिक्त उछाल भी थी।
गेंद ने मयंक के बल्ले का बाहरी किनारा लिया। डिकॉक ने दाईं ओर डाइव लगाकर गेंद लपकनी चाही। गेंद उनके ग्लव्स में आई भी, लेकिन छिटककर दूर चली गई। इस दौरान पहली स्लिप पर खड़े खिलाड़ी ने भी कैच लेने की कोशिश की, लेकिन वह भी असफल रहे।
खबर लिखे जाने तक भारत ने 40.3 ओवर में 2 विकेट पर 117 रन बनाए थे। केएल राहुल 47 रन पर नाबाद थे। चेतेश्वर पुजारा बिना खाता खोले पवेलियन लौटे। उन्हें एनगिडी ने पीटरसन के हाथों कैच कराया।
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मयंक अग्रवाल ने इस जीवनदान का फायदा उठाया और लंच के बाद अपना अर्धशतक पूरा किया। उन्होंने 89 गेंद में अपना अर्धशतक पूरा किया। मयंक का टेस्ट क्रिकेट में यह छठा अर्धशतक है। मयंक का यह 17वां टेस्ट मैच है। इससे पहले 16 टेस्ट मैच में मयंक ने 47.92 के औसत से 1294 रन बनाए थे। इसमें उनके 4 शतक भी शामिल हैं।