IND vs NZ Test Series: भारत और न्यूजीलैंड के बीच 2 मैच की सीरीज का पहला टेस्ट 21 फरवरी से वेलिंगटन के बेसिन रिजर्व स्टेडियम पर खेला जाना है। भारत टी20 और न्यूजीलैंड वनडे सीरीज में एक दूसरे का सूपड़ा साफ कर चुकी हैं। ऐसे में दोनों ही टीमों के लिए यह मैच काफी अहम है। इस मैच के जरिए मेजबान टीम का एक और खिलाड़ी इतिहास रचने के लिए तैयार है। जी हां, हम बात कर रहे हैं वनडे सीरीज के हीरो रहे रॉस टेलर की। वेलिंगटन टेस्ट में उतरते ही रॉस टेलर क्रिकेट के सभी फॉर्मेट में 100 मैच खेलने वाले दुनिया के पहले क्रिकेटर बन जाएंगे।
रॉस टेलर ने अब तक 99 टेस्ट, 231 वनडे और 100 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले हैं। उन्होंने एक मार्च 2006 को वेस्टइंडीज के खिलाफ नेपियर वनडे से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में डेब्यू किया था। उसके बाद से वे अब तक 430 अंतरराष्ट्रीय मैच खेल चुके हैं। इसमें उन्होंने 43.80 के औसत से कुल 17653 (टेस्ट में 7174, वनडे में 8570 और टी20 में 1909) रन बनाए हैं। इसमें उनके 40 शतक हैं। टेलर ने टेस्ट में 19 और वनडे में 31 शतक लगाए हैं। वे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सबसे ज्यादा शतक लगाने के मामले में 17वें नंबर पर हैं। वे न्यूजीलैंड की ओर से सबसे ज्यादा शतक लगाने वाले बल्लेबाज हैं। दूसरे नंबर पर केन विलियम्सन हैं। विलियम्सन ने 288 अंतरराष्ट्रीय मैचों में 34 शतक लगाए हैं। विलियम्सन ने 46.70 के औसत से 14198 रन बनाए हैं।
टेलर ने वेलिंगटन टेस्ट की शुरुआत से पहले इशांत शर्मा को लेकर भी बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि फिर से फिट हुए इशांत भारतीय तेज गेंदबाजी आक्रमण में नया आयाम देंगे। टेलर को लगता है कि अगर मेजबान टेस्ट सीरीज में सिर्फ जसप्रीत बुमराह से ही निपटने पर ध्यान लगाएंगे तो उन्हें परेशानी होगी। तीन हफ्ते बाद अपना 36वां जन्मदिन मनाने वाले टेलर ने बुधवार को कहा, ‘‘मुझे लगता है कि अगर हम सिर्फ बुमराह पर ध्यान लगाएंगे तो हमें मुश्किल हो सकती है। मुझे लगता है कि भारत का पूरा गेंदबाजी लाइन अप ही शानदार है। निश्चित रूप से इशांत का टीम में वापसी करना टीम में नये आयाम जोड़ेगा।’
उन्होंने कहा, ‘उनके (भारत) पास विश्वस्तरीय बल्लेबाज लाइन अप मौजूद है। हमें उससे भी निपटना होगा। वे किस कारण से ही दुनिया की नंबर एक टीम हैं। यह हम जानते हैं और हमें उनके खिलाफ सफल होने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ देना होगा।’ अपनी उपलब्धि के बारे में टेलर ने कहा, ‘‘कभी कभार यह सिर्फ रन जुटाना नहीं होता, बल्कि आप एक व्यक्ति के तौर पर इस दौरान विफलताओं से कैसे निपटते हैं, यह भी मायने रखता है। आप साथी खिलाड़ी के तौर पर अपनी ट्रेनिंग कैसे करते हैं? कभी कभार ये नकारात्मक चीजें ही आपको मजबूत और ताकतवर बनाती हैं। टेस्ट खिलाड़ी के तौर पर आपको इन्हीं चीजों की जरूरत होती है।’