श्रीराम वीरा। इंग्लैंड लायंस के खिलाफ दूसरे मैच के दूसरे दिन गेंदबाजी करने वाले इंडिया ए के गेंदबाजों में से शार्दुल ठाकुर और नितीश कुमार रेड्डी टेस्ट टीम में शामिल हैं और इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज में दोनों में से एक खिलाड़ी को मौका है। ऐसा लगता है कि शार्दुल इस दौड़ में आगे हैं। दोनों ने सिर्फ छह ओवर फेंके, लेकिन कुछ दिलचस्प बातें चीजें देखने को मिलीं। इंग्लैंड लायंस ने इंडिया ए के 348 रनों के जवाब में 3 विकेट पर 192 रन बनाए।
शार्दुल भले ही मुंबई के लिए नई गेंद से गेंदबाजी करते हों, लेकिन यह स्पष्ट है कि वह इंग्लैंड में टेस्ट सीरीज में चौथे गेंदबाजी विकल्प के रूप में उभर रहे हैं। इसी तरह उन्होंने दो अभ्यास मैचों में गेंदबाजी की है। दूसरे वॉर्मअप मैच में वह 13वें ओवर में चौथे तेज गेंदबाज के रूप में गेंदबाजी करने आए और लगातार छह ओवर फेंके। नितीश काफी बाद में 35वें ओवर में गेंदबाजी करने आए। खराब रोशनी से खेल रोके जाने तक उन्होंने भी लगातार छह ओवर फेंके।
शार्दुल ने दबाव बनाने की रणनीति बनाई
अतीत में, शार्दुल विकेट लेने के लिए कई बार अलग-अलग तरह की गेंदें फेंकते हैं। दूसरे दिन उन्होंने काफी हद तक दबाव बनाने की रणनीति बनाई, जो टेस्ट में एक संभावित ऑलराउंडर विकल्प के लिए काफी आदर्श है। ऐसा नहीं है कि उन्होंने विविधता की कोशिश नहीं की,लेकिन टाइट लाइन एंड लेंथ बनाए रखने पर जोर लगाया।
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बीच-बीच में बाउंसर करते दिखे
इंग्लैंड लायंस की बल्लेबाजी लाइन-अप में बाएं हाथ के बल्लेबाज खूब हैं। उन्होंने सीम कराने के लिए ऑफ-कटर का प्रयास किया। उन्होंने फ्लोटिंग आउट स्विंगर्स (बाएं हाथ के बल्लेबाजों के लिए इनस्विंगर) का प्रयास नहीं किया। उन्होंने राउंड द विकेट गेंदबाजी की और गेंद बाहर निकाले की कोशिश की। उनकी तकनीक क्लासिकल है: सीम बाएं हाथ के बल्लेबाजों के लिए स्लिप कॉर्डन की ओर होती है। उनकी उंगलियां लेग स्लिप की ओर कट करती हैं और फिर रिलीज होने पर दाईं तरफ कटती हैं। नतीजतन, बाएं हाथ के बल्लेबाजों के लिए अवे कटर स्विंग नहीं करती, लेकिन डेक हिट करने के साथ अक्रॉस सीम होती है। बीच-बीच में वह बाउंसर करते दिखे। इस दौरान भी वह बाएं हाथ के बल्लेबाजों से गेंद दूर रखने का प्रयास कर रहे थे। कई बार गेंद बल्ले का किनारा ले से चूक गई। कुल मिलाकर यह एक अच्छा टाइट स्पेल था, जिसे 77-79 मील प्रति घंटे की रफ्तार से फेंका गया।
नितीश कुमार रेड्डी की गेंदबाजी
नितीश कुमार रेड्डी ने पिछले मैच में टॉम हेंस के गेंद अंदर लाकर आउट किया था। उन्होंने दूसरे टेस्ट की पहली पारी में एक स्पेल के दौरान ऐसा ही किया। ऐसी ही गेंदबाजी ऑस्ट्रेलिया दौरे पर भी दिखाई दी थी। उन्होंने फुल डिलीवरी की, जहां उन्होंने स्विंग कराने की कोशिश में गेंद की सीम बैकस्पिन करने का प्रयास किया। दाएं हाथ के जॉर्डन कॉक्स के लिए निप-बैकर का इस्तेमाल किया। संयोग से दिन की आखिरी गेंद पर काफी हद तक सीम हुई। कुछ समय पहले उन्होंने कॉक्स को एक बहुत अच्छी इनस्विंगिंग यॉर्कर भी डाली थी। बाएं हाथ के बल्लेबाजों के लिए उन्होंने शार्दुल की तरह राउंड द स्टंप गेंदबाजी भी की। उन्होंने मैच के हिसाब से गेंदबाजी की।