भारत के पूर्व तेज गेंदबाज करसन घावरी ने इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ECB)के पटौदी ट्रॉफी का नाम बदलने पर नाराजगी जताई है। भारत के 2025 में इंग्लैंड दौरे से पहले टेस्ट सीरीज का नाम बदलकर तेंदुलकर-एंडरसन ट्रॉफी कर दिया गया। घावरी ने मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) पर नाम बदलने से न रोकने के लिए निशाना साधा है।

घावरी ने यह भी कहा है कि भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी का नाम बदला जाए तो दिग्गज सुनील गावस्कर पूरे भारत को हिलाकर रख देते। 2007 की सीरीज के दौरान भारत के पहले टेस्ट मैच के 75 वर्षों के उपलक्ष्य पर ईसीबी ने दोनों देशों का प्रतिनिधित्व करने वाले इफ्तिखार अली खान पटौदी और उनके बेटे मंसूर अली खान (टाइगर) पटौदी के नाम पर ट्रॉफी का नाम रखा था।

ईसीबी ने बदला ट्रॉफी का नाम

टाइगर को भारत के सबसे बेहतरीन कप्तानों में से एक माना जाता है। उन्होंने अपने टेस्ट करियर में 46 मैचों में से 40 में नेतृत्व किया था। हालांकि, नाम और ट्रॉफी ईसीबी के विवेकाधिकार में आने के कारण बोर्ड ने इस वर्ष की शुरुआत में सीरीज का नाम बदलने का फैसला किया।पटौदी के नाम की जगह तेंदुलकर और इंग्लैंड के महान तेज गेंदबाज जेम्स एंडरसन को यह सम्मान दिया गया।

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घावरी ने बीसीसीआई और सचिन तेंदुलकर पर निशाना साधा

विक्की लालवानी के साथ एक यूट्यूब शो में बात करते हुए घावरी ने बीसीसीआई और सचिन तेंदुलकर पर निशाना साधा। शुभमन गिल की अगुआई में नई भारतीय टेस्ट टीम तेंदुलकर-एंडरसन ट्रॉफी खेली और बेन स्टोक्स की इंग्लैंड टीम के साथ रोमांचक पांच मैचों की सीरीज में 2-2 से बराबरी कर ली।

गावस्कर पूरे इंडिया को हिला के रख देगा

घावरी ने कहा, “यह बिल्कुल गलत है। पहली बात ऑस्ट्रेलिया-वेस्टइंडीज सीरीज को हमेशा फ्रैंक वॉरेल ट्रॉफी कहा जाता है। भारत-ऑस्ट्रेलिया ट्रॉफी को हमेशा बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी कहा जाता है। अगर इसका नाम बदल दिया जाए, तो गावस्कर पूरे इंडिया को हिला के रख देगा।”

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सचिन को मना कर देना चाहिए था

घावरी ने कहा, “बीसीसीआई को एमसीसी और ईसीबी के सामने अपनी बात रखनी चाहिए थी। टाइगर का नाम नहीं हटाया जाना चाहिए था। इसी संदर्भ में जब सचिन तेंदुलकर की बात आई कि इस ट्रॉफी को बदला जाएगा और इसका नाम आपके और एंडरसन के नाम पर रखा जाएगा तो सचिन को मना कर देना चाहिए था। आपत्ति की बात अलग है।”

अपनी बात पर अड़ा रहना चाहिए था

घावरी ने कहा, “सबसे पहले आपको अपनी बात पर अड़ा रहना चाहिए था और कहना चाहिए था, “नहीं, मैं अपना नाम इस्तेमाल नहीं करना चाहता क्योंकि टाइगर पटौदी का नाम पहले से ही वहां है। वह भारतीय क्रिकेट के दिग्गज हैं। अगर आपको मेडल देने हैं तो हमारा नाम इस्तेमाल करें। ट्रॉफी का नाम वही रहना चाहिए।”