बेन स्टोक्स के कप्तान और ब्रेंडन मैकुलम के कोच बनने के बाद टेस्ट क्रिकेट में इंग्लैंड आक्रामक क्रिकेट खेल रहा है। इसे बैजबॉल नाम दिया गया है। इंग्लैंड जब भी टेस्ट क्रिकेट खेलता है बैजबॉल को लेकर चर्चा होती है। इंग्लैंड के पूर्व क्रिकेटर पर इसे लेकर राय देते हैं। भारत के खिलाफ दूसरी टेस्ट में हार के बाद इंग्लैंड के दो दिग्गज आमने-सामने हैं।
एक ने बैजबॉल के समर्थन में बयान दिया है तो दूसरे ने आलोचना की है। अपने क्रिकेट करियर में लगभग 1800 विकेट इंग्लैंड के दिग्गज ऑलराउंडर इयान बॉथम ने बैजबॉल के समर्थन में कहा है कि टेस्ट क्रिकेट में नई जान फूंक दी है। वहीं 60 हजार रन बनाने वाले ज्योफ्री बॉयकॉट ने बैजबॉल को भारत के खिलाफ दूसरे टेस्ट में इंग्लैंड की हार का कारण बताया।
दर्शकों की तरफ एक नजर देखने की जरूरत
बॉथम ने ‘एसईएनक्यू 693’ से कहा, ‘‘आपको बस दर्शकों की तरफ एक नजर देखने की जरूरत है। दर्शकों ने अब टेस्ट क्रिकेट देखने के लिए वापसी करना शुरू कर दिया है।भारत में 20-30 साल पहले भारत के खिलाफ खेलते हुए मैदान भरे रहते थे। अचानक से इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) आया, फिर इसने और वनडे क्रिकेट के कारण टेस्ट में दर्शकों की संख्या में गिरावट आई, लेकिन अब लोग वापसी कर रहे हैं और ‘बैजबॉल’ क्रिकेट देखना चाहते हैं।’’
चाहते है कि लोग मैच देखने आएं तो आपको उनका मनोरंजन करना पड़ेगा
पूर्व कप्तान ने कहा कि इंग्लैंड ने ‘बैजबॉल’ तरीके से खेलने के बाद से हारने की तुलना में ज्यादा टेस्ट मुकाबलों में जीत हासिल की है। बॉथम ने कहा, ‘‘आखिरकार आप मनोरंजन करने के लिए हो और अगर आप चाहते हो कि लोग मैच देखने आएं तो आपको उनका मनोरंजन करना पड़ेगा। वे ऐसे खिलाड़ी को खेलते हुए नहीं देखना चाहेंगे जो प्रत्येक घंटे में काफी कम रन जुटाए। आप ऐसे क्रिकेटर को देखना चाहोगे जो मैच में आक्रामक बल्लेबाजी से दबदबा बनाए।’’
आप एक या दो मैच गंवाओगे
इंग्लैंड के लिए 1977 से 1992 के बीच 102 टेस्ट मैच खेलकर 383 विकेट चटकाने और 5200 रन बनाने वाले बॉथम ने कहा, ‘‘आप एक या दो मैच गंवाओगे ही, लेकिन इंग्लैंड ने 15 मैच खेले और 12 जीते। टेस्ट क्रिकेट अब पहले से बेहतर हो गया है।इसका अन्य टीमों पर भी प्रभाव पड़ रहा है। अकसर आपने देखा है कि जब टीम के तीन या चार विकेट गिर गये हैं तो गेंदबाजी करने वाली टीम थोड़ी ‘रिलैक्स’ होती दिखती है। जब आपने दबाव बना लिया है तो आपको ऐसा ही रखते हुए अपना काम करना चाहिए। टेस्ट क्रिकेट अब काफी प्रभावित करने लग गया है जो मुझे लगता है कि काफी महत्वपूर्ण है। ’’
बॉयकॉट ने क्या कहा
बॉयकॉट ने दूसरे टेस्ट में इंग्लैंड की हार को लेकर द टेलीग्राफ में कॉलम में लिखा, ” बैजबॉल से बेहतरीन मनोरंजन होता है। लेकिन एक बार जब आप इस पर आदर्श स्थिति से ज्यादा विश्वास कर लेते हैं तो आप प्लॉट खो देते हैं।” उन्होंने जो रूट का उदाहरण देते हुए कहा, “जो रूट ऊपर से हिट करने की कोशिश में आगे निकलकर आए। उन्होंने कुछ ही समय बाद स्वीप खेला और गेंद हवा में गई। उन्होंने केवल 16 रन बनाए।”
टी-20 क्रिकेट दिमाग में घर कर गया है
बॉयकॉट ने आगे कहा, “ऐसा लगता है कि टी-20 क्रिकेट उनके दिमाग में घर कर गया है और उन्हें यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि हर गेंद पर आक्रामक स्ट्रोक, स्वीप या क्रॉस-बैट शॉट से रन बनाए जाने चाहिए। आपने सोचा होगा कि इंग्लैंड ने पिछली गर्मियों में एशेज गंवाने के बाद सीख ली होगी। एजबेस्टन और लॉर्ड्स में इस तरह की बल्लेबाजी से दो टेस्ट मैच गंवा दिए।”
भाषा से इनपुट लेकर बनाई गई खबर