IND vs ENG: इंग्लैंड के खिलाफ दूसरे टेस्ट मैच से पहले कई क्रिकेट एक्सपर्ट ने कहा था कि भारत को अपनी प्लेइंग इलेवन में रिस्ट स्पिनर कुलदीप यादव को जरूर शामिल करना चाहिए, लेकिन जब टीम का ऐलान हुआ था कुलदीप का नाम गायब था। कुलदीप को टीम में शामिल नहीं किए जाने के बाद पूर्व भारतीय क्रिकेटर व कमेंटेटर सुनील गावस्कर बुरी तरह से भड़क गए।
गावस्कर बर्मिंघम के एजबेस्टन में इंग्लैंड के खिलाफ दूसरे टेस्ट के लिए गेंदबाजी आक्रमण को मजबूत करने के लिए कुलदीप यादव को शामिल नहीं करने के भारत के फैसले से हैरान दिखे। गावस्कर इस बात से हैरान नजर आए की जब टीम के मुख्य तेज गेंदबाज बुमराह टीम में नहीं हैं ऐसे में उन्होंने इस आक्रामक स्पिनर को टीम में शामिल क्यों नहीं किया।
कुलदीप के नहीं चुने जाने से गावस्कर ने जताई हैरानी
गावस्कर का मानना है कि एजबेस्टन की पिच कुलदीप के लिए आदर्श साबित हो सकती थी क्योंकि इसमें टर्न की संभावना थी। सोनी स्पोर्ट्स नेटवर्क पर गावस्कर ने कहा कि मैं थोड़ा हैरान हूं कि कुलदीप को नहीं चुना गया क्योंकि इस तरह की पिच पर जहां हर कोई कहता है कि यहां टर्न है। आपको बता दें कि टॉस के समय शुभमन गिल ने खुलासा किया था कि टीम ने तीन बदलाव किए हैं। जसप्रीत बुमराह, शार्दुल ठाकुर और साई सुदर्शन को बाहर रखा गया, जबकि आकाश दीप, वाशिंगटन सुंदर और नितीश रेड्डी को उनकी जगह टीम में शामिल किया गया।
टीम में इतने ऑलराउंडर की जरूरत नहीं
गावस्कर ने बल्लेबाजी को मजबूत करने के लिए अधिक ऑलराउंडरों को टीम में शामिल करने के फैसले की भी आलोचना की खासकर तब जब भारत ने लीड्स में पहले टेस्ट में दो पारियों में 800 से अधिक रन बनाए थे। उन्होंने कहा कि अगर आपके शीर्ष क्रम के बल्लेबाज अच्छा नहीं कर रहे हैं तो 7वें नंबर पर वाशिंगटन सुंदर और 8वें नंबर पर नितीश रेड्डी को लाने से समस्या हल नहीं होगी क्योंकि ये वो बल्लेबाज नहीं थे जिन्होंने आपको पहले टेस्ट मैच में विफल किया था। आपने पहले टेस्ट मैच में 830 रन बनाए ना कि दो पारियों में आपने 380 रन बनाए। 830 रन बहुत ज्यादा थे।
गेंदबाजी को मजबूत करने की थी जरूरत
गावस्कर ने कहा कि जैसी आपकी बैटिंग है उसके बाद आपको अपनी गेंदबाजी को मजबूत करने की जरूरत थी और ऐसे गेंदबाजों को टीम में लाना था जो विकेट ले सके। आपको बल्लेबाजी नहीं बल्कि गेंदबाजी डिपार्टमेंट में मजबूती की जरूरत थी। उन्होंने बुमराह जैसे खिलाड़ी को आराम देने के फैसले पर भी सवाल उठाए क्योंकि वो टीम के सबसे बेहतरीन आक्रामक गेंदबाज हैं।