IND vs ENG: भारत के लिए पहले टेस्ट मैच में कुछ बल्लेबाजों ने शानदार पारी खेली और जसप्रीत बुमराह ने बेहतरीन गेंदबाजी भी की, लेकिन इसके बावजूद टीम इंडिया को 5 विकेट से हार मिली। पहले टेस्ट मैच में कुछ अच्छे प्रदर्शन के बावजूद हार के बाद भारत की कई कमियां सामने आई।

पहले टेस्ट मैच में ऋषभ पंत ने दो साथ ही शुभमन गिल, केएल राहुल और यशस्वी जायसवाल ने एक-एक शतक लगाए, लेकिन निचले क्रम के खराब प्रदर्शन के कारण टीम इंडिया अपनी बेहतरीन बैटिंग का फायदा नहीं उठा पाई। वहीं कमजोर सीम अटैक के साथ बुमराह भी दूसरी पारी में कुछ नहीं कर पाए और इंग्लैंड ने जीत के लिए मिले 371 रन के टारगेट को आसानी से चेज कर लिया। इस मैच के दौरान भारतीय टीम की तरफ से 8 कैच छोड़े गए और इसका लाभ इंग्लिश टीम को मिला।

बल्लेबाजी मिले तो इंग्लैंड को मौका नहीं दें

टीम इंडिया की अब कोशिश होगी कि वो दूसरे मैच में वापसी करते हुए जीत हासिल करे, लेकिन उससे पहले पूर्व भारतीय कोच संजय बांगड़ ने भारतीय टीम को तीन ऐसे कारण बताए हैं जिस पर काम करके टीम इंडिया को जीत मिल सकती है। बुधवार को बर्मिंघम में मैच शुरू होने से पहले संजय बांगड़ ने स्टार स्पोर्ट्स पर कहा कि जब आपको पहले या तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करने का मौका मिलता है तो मैच को विरोधी टीम की पहुंच से दूर रखने की कोशिश करें। पहले टेस्ट की दोनों पारियों में भारत के पास मौका था, लेकिन वह ऐसा नहीं कर सका, जिसके कारण इंग्लैंड लक्ष्य का पीछा करने में सफल रहा।

कुलदीप यादव को प्लेइंग इलेवन में करें शामिल

बांगर ने बाएं हाथ के स्पिनर कुलदीप यादव को भी अंतिम एकादश में शामिल करने पर जोर दिया। पिछले चार सालों में किसी भी कलाई के स्पिनर ने मेजबान टीम के खिलाफ इंग्लैंड में टेस्ट नहीं खेला है, लेकिन बांगर का मानना ​​है कि कुलदीप इंग्लैंड की कमजोरी को भांप सकते हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय टीम को इस बारे में थोड़ा सोचना होगा कि कुलदीप यादव को प्लेइंग इलेवन में कैसे शामिल किया जाए। पहले मैच में इंग्लैंड के बल्लेबाजों ने जिस तरह का रवैया दिखाया उसे देखते हुए कुलदीप यादव उनके खिलाफ बड़े हथियार साबित हो सकते हैं। रिस्ट स्पिनर के खिलाफ इंग्लैंड के बल्लेबाज अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए हैं।

तेज गेंदबाजी में सुधार की जरूरत

संजय बांगड़ ने कहा कि भारत को तेज गेंदबाजी में भी सुधार करने की जरूरत है। प्रसिद्ध कृष्णा ने पहले टेस्ट मैच में 225 रन दिए और 5 विकेट लिया। टेस्ट क्रिकेट इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ जब किसी तेज गेंदबाज ने इतने खराब इकॉनामी रेट से गेंदबाजी की। बंगाड़ ने कहा कि तीसरी बात यह देखने वाली है कि तेज गेंदबाजी आक्रमण अधिक नियंत्रण कैसे दे सकता है। पहले टेस्ट में कई गेंदबाजों ने प्रति ओवर पांच या उससे अधिक रन दिए। इससे कप्तान को नियंत्रण नहीं मिलता और एक छोर से अच्छी गेंदबाजी करने वाले बुमराह को भी पर्याप्त समर्थन नहीं मिला।