भारतीय टीम ने इंग्लैंड के खिलाफ 5 मैचों की टेस्ट सीरीज में 2-1 की बढ़त बना ली है। दिग्गज बल्लेबाजों के न होने पर ओपनर यशस्वी जयसवाल ने शानदार प्रदर्शन किया है। विशाखापत्तनम के बाद राजकोट में उन्होंने दोहरा शतक जड़ा। बाएं हाथ के युवा बल्लेबाज ने काउंटर अटैक किया है। इसका इंग्लैंड के पास कोई जवाब नहीं दिखा है। इसके बाद भी इंग्लैंड के ओपनर बल्लेबाज बेन डकेट ने कहा है कि कि जयसवाल के आक्रामक रुख के लिए इंग्लैंड श्रेय का हकदार है। डकेट इस बयान पर इंग्लैंड के पूर्व कप्तान नासिर हुसैन ने निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि यशस्वी जायसवाल ने इंग्लैंड से कुछ नहीं सीखा है।
राजकोट टेस्ट के तीसरे दिन जयसवाल ने अपना तीसरा शतक लगाया। दिन का खेल खत्म होने पर डकेट ने कहा: “जब आप विपक्षी खिलाड़ियों को इस तरह खेलते हुए देखते हैं, तो ऐसा लगता है कि हमें कुछ श्रेय मिलना चाहिए क्योंकि वे अन्य लोगों के टेस्ट खेलने के तरीके से अलग खेल रहे हैं।” इस बयान पर सोमवार को इंग्लैंड के पूर्व कप्तान नासिर हुसैन ने कड़ी आलोचना की। स्काई स्पोर्ट्स पॉडकास्ट पर बोलते हुए हुसैन ने जायसवाल की सफलता का कारण उनकी परवरिश को बताया।
नासिर हुसैन ने क्या कहा
नासिर हुसैन ने कहा, “उन्होंने (जायसवाल) आपसे कुछ नहीं सीखा है। उन्होंने अपनी परवरिश से सीखा है। बड़े होते हुए उन्हें कितनी कड़ी मेहनत करनी पड़ी। उन्हें देखें और उनसे सीखें। मुझे आशा है कि थोड़ा आत्म-निरीक्षण होगा। नहीं तो यह एक मत बन जाएगा। कभी-कभी बैजबॉल के तौर में अंदरूनी आलोचना नहीं होती।” हुसैन अपने पूर्व साथी माइकल वॉन के बाद डकेट के बयान की आलोचना करने वाले इंग्लैंड के दूसरे पूर्व क्रिकेटर हैं।
माइकल वॉन ने क्या कहा
माइकल वॉन ने द टेलीग्राफ में अपने कॉलम कहा, ” उनकी बात सुनें और आपको लगेगा कि कुछ भी गड़बड़ी नहीं है। जिमी एंडरसन ने कहा कि वे विशाखापत्तनम में 600 रन का पीछा करेंगे। बेन डकेट ने इस सप्ताह लक्ष्य को लेकर कहा था, “जितना अधिक उतना बेहतर”, लेकिन वे 434 का टारगेट हासिल नहीं कर पाए। डकेट का यह भी मानना है कि यशस्वी जयसवाल जिस तरह से बल्लेबाजी कर रहे हैं, उसके लिए वे श्रेय के पात्र हैं। मानो इतिहास में किसी भी खिलाड़ी ने कभी आक्रामक शॉट नहीं खेला हो।”