करुण नायर भारतीय क्रिकेट टीम के बल्लेबाज के लिए यह बात बिल्कुल सटीक बैठती है। सात साल बाद इंग्लैंड की धरती पर एक बार फिर भारतीय टेस्ट टीम में वापसी करते हुए करुण ने इसे “Life has Come full Circle” बताया। 2018 में जब वह इंग्लैंड दौरे पर गए थे, तब उन्हें अंतिम एकादश में जगह नहीं मिली थी।
उस दौरे के बाद उन्हें टेस्ट टीम से बाहर कर दिया गया था। लेकिन हार न मानने वाले इस बल्लेबाज ने घरेलू क्रिकेट में कड़ी मेहनत की और अब उसी इंग्लैंड में जहां से उनकी विदाई हुई थी, वह भारतीय जर्सी में वापसी कर रहे हैं। 33 साल के करुण नायर की यह वापसी किसी प्रेरणादायक कहानी से कम नहीं है। रणजी ट्रॉफी के पिछले सीजन में उनके बल्ले ने जो रन बरसाए, उसने चयनकर्ताओं का ध्यान खींचा।
रोहित शर्मा और विराट कोहली जैसे दिग्गजों के टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद भारतीय मध्यक्रम में जगह खाली हुई, और करुण ने इस मौके को दोनों हाथों से थाम लिया। शुक्रवार से हेडिंग्ले में शुरू हो रही इंग्लैंड के खिलाफ पांच टेस्ट मैचों की सीरीज में वह शुभमन गिल की कप्तानी में भारत का प्रतिनिधित्व करने को तैयार हैं। भारत को हेडिंग्ले में 2002 के बाद पहली टेस्ट जीत की उम्मीद है, और करुण इस मिशन का हिस्सा बनने को लेकर उत्साहित हैं।
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) द्वारा पोस्ट किए गए एक वीडियो में करुण ने अपने दिल की बात साझा की। उन्होंने कहा, “जिंदगी ने एक पूरा चक्कर लगाया है। इंग्लैंड में ही मैं टीम से बाहर हुआ था, और अब इंग्लैंड में ही वापसी कर रहा हूं। यह लंबा सफर रहा है, और मैं इसे पूरी तरह जीना चाहता हूं।”
उनके शब्दों में सादगी और जुनून की झलक साफ दिखती है। वह उस पल को याद करते हैं जब उन्होंने अपने साथियों के साथ ड्रेसिंग रूम में कदम रखा। “जब मैंने सबको पहली बार देखा, तब मुझे सचमुच एहसास हुआ कि मैं फिर से टीम में हूं। तब तक तो बस इंतजार था, लेकिन उस पल ने मुझे बताया कि मैंने फिर से अपनी जगह बना ली है।”
करुण की इस वापसी के पीछे उनकी अटूट मेहनत और विश्वास है। घरेलू क्रिकेट में लगातार रन बनाने के बावजूद कई साल तक उन्हें मौका नहीं मिला, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। हर सुबह उनके दिमाग में एक ही ख्याल था-भारत के लिए टेस्ट क्रिकेट खेलना। “मेरे दिमाग में हमेशा यही था कि मैं फिर से भारत के लिए खेलूं। यही बात मुझे हर दिन प्रैक्टिस के लिए मैदान पर खींच लाती थी। वह भूख, वह जुनून कभी कम नहीं हुआ। यह भारतीय जर्सी पहनना मेरे लिए गर्व की बात है।”
करुण की कहानी हर उस इंसान के लिए प्रेरणा है जो मुश्किलों के बावजूद अपने सपनों को नहीं छोड़ता। उन्होंने युवा क्रिकेटरों को एक खूबसूरत संदेश भी दिया: “पूर्णता का पीछा मत करो, बल्कि बड़े सपने देखो। खुद पर विश्वास रखो कि कुछ भी, कभी भी हो सकता है।” उनकी यह बात न सिर्फ क्रिकेटरों, बल्कि हर उस शख्स के लिए है जो अपने लक्ष्य को हासिल करने की जद्दोजहद में लगा है।
शुभमन गिल की अगुआई में भारतीय टीम में करुण के साथ यशस्वी जायसवाल, केएल राहुल, रविंद्र जडेजा, जसप्रीत बुमराह जैसे खिलाड़ी शामिल हैं। यह टीम न सिर्फ इंग्लैंड को चुनौती देने के लिए तैयार है, बल्कि हेडिंग्ले में इतिहास रचने का भी इरादा रखती है। करुण नायर, जो कभी इस मैदान पर मौके के इंतजार में थे, अब उसी मैदान पर भारत के लिए रन बनाने को बेताब हैं।
करुण की यह वापसी सिर्फ एक खिलाड़ी की कहानी नहीं है, बल्कि यह मेहनत, धैर्य और आत्मविश्वास की जीत है। जैसे ही वह हेडिंग्ले में मैदान पर उतरेंगे, लाखों भारतीय प्रशंसकों की नजरें उन पर होंगी, और उनके बल्ले से निकलने वाला हर रन उनकी इस प्रेरणादायक यात्रा का जश्न होगा।
ये है भारतीय टेस्ट टीम
शुभमन गिल (कप्तान), ऋषभ पंत (उप-कप्तान और विकेटकीपर), यशस्वी जायसवाल, केएल राहुल, साई सुदर्शन, अभिमन्यु ईश्वरन, करुण नायर, नीतीश रेड्डी, रविंद्र जडेजा, ध्रुव जुरेल (विकेटकीपर), वाशिंगटन सुंदर, शार्दुल ठाकुर, जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद सिराज, प्रसिद्ध कृष्णा, आकाश दीप, अर्शदीप सिंह, कुलदीप यादव।