भारत के खिलाफ रांची टेस्ट में 122 रन की पारी खेलकर फॉर्म में वापसी का संकेत देने वाले मध्य क्रम के बल्लेबाज जो रूट ने अपने आलोचकों को करारा जवाब दिया है। दरअसल, भारत के खिलाफ टेस्ट सीरीज में जो रूट अपने शॉट सेलेक्शन को लेकर आलोचनाओं का सामना कर रहे हैं। राजकोट में खेले गए तीसरे टेस्ट में रूट ने बुमराह के खिलाफ रिवर्स स्कूप शॉट खेलने का प्रयास किया था, लेकिन वह आउट हो गए थे। उसके बाद से ही रूट के शॉट सेलेक्शन पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

क्या कहा जो रूट ने?

रूट ने उन आलोचनाओं पर जवाब देते हुए कहा है कि मैं उसी तरह से खेलना जारी रखूंगा जो मुझे किसी भी स्थिति में सबसे सही लगता है। रूट ने स्काई स्पोर्ट्स क्रिकेट पॉडकास्ट पर बात करते हुए कहा कि लोगों की अपनी-अपनी अलग राय होती है, कोई भी मेरे खेल को लेकर उतना नहीं जानता होगा जितना कि मैं जानता हूं। मैं आज जहां हूं वहां इसीलिए हूं कि मैंने हमेशा बेहतर होने पर ध्यान दिया है। रूट ने कहा कि मैं हमेशा सुधार और विकसित होने पर ध्यान देता हूं, मैं इस तरह खेलना जारी रखूंगा।

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रांची में लगाए शतक को लेकर बोले रूट

जो रूट ने आगे कहा है कि मुझे खुद से बहुत उम्मीदें हैं और मैं उन्हें पूरा करने का प्रयास आखिरी टेस्ट मैच में करूंगा। रूट ने कहा कि मुझे रांची टेस्ट से पहले रनों की कमी महसूस हो रही थी। मुझे ऐसा लग रहा था कि मैंने इस सीरीज में टीम के लिए कोई योगदान नहीं दिया है। रूट ने रांची टेस्ट की पारी को लेकर कहा कि मैंने वहां बस अपनी बल्लेबाजी को एन्जॉय किया और रन बनाए, मैं सीरीज के आखिरी टेस्ट में भी वहीं प्रयास करूंगा। बता दें कि भारत और इंग्लैंड के बीच आखिरी टेस्ट गुरुवार से धर्मशाला में खेला जाएगा।

रूट के शॉट्स को लेकर हुई थी ऐसी बातें

जो रूट ने इस बातचीत में कहा कि उन्हें अपने शॉट सेलेक्शन पर कोई पछतावा नहीं है। बता दें कि रूट के शॉट सेलेक्शन को लेकर विदेशी मीडिया में कई लेख छपे थे जिनमें कहा गया था कि रूट ने इंग्लैंड के टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में सबसे खराब शॉट इस सीरीज में खेले हैं। विदेशी मीडिया रिपोर्ट्स में रूट के द्वारा राजकोट टेस्ट में खेला गया रिवर्स स्कूप सबसे बेवकूफी भरा शॉट बताया गया था। उनके विकेट के बाद इंग्लैंड के विकेटों का पतन शुरू हो गया था। इंग्लैंड वह मैच 434 रन से हार गई थी।

रांची में चौथे टेस्ट की पहली पारी तक जो रूट बहुत ही खराब फॉर्म से गुजर रहे थे, लेकिन उन्होंने पहली पारी में 122 रन बनाकर फॉर्म में वापसी के संकेत दिए। इस शतक से पहले इस सीरीज में रूट का औसत 12.83 का था। उनके बल्ले से कोई बड़ी पारी इस सीरीज में नहीं आई थी।