इंग्लैंड क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और अपने समय के दिग्गज बल्लेबाजों में से एक ज्योफ्री बॉयकॉट इस बात से सहमत नहीं हैं कि जिम्बाब्वे के खिलाफ शतक बनाने के बावजूद इंग्लैंड के जैक क्रॉली और ओली पोप अपनी ‘तकनीकी और मानसिक समस्याओं’ पर काबू पा चुके हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि उनके लिए असली चुनौती अगले महीने भारत के खिलाफ होने वाली पांच टेस्ट मैच की श्रृंखला में होगी।
क्रॉली के लिए पिछले कुछ महीने कठिन रहे
जैक क्रॉली के लिए पिछले कुछ महीने काफी कठिन रहे हैं। न्यूजीलैंड में वह संघर्ष कर रहे थे। वहां उनका औसत 9 से कम था। वह सभी 6 पारियों में मैट हेनरी के हाथों आउट हुए। ओली पोप के लिए भी 2024 उतार-चढ़ाव भरा रहा। हैदराबाद में भारत के खिलाफ पहले टेस्ट में उनकी शानदार 196 रन की पारी किसी अंग्रेज द्वारा विदेशी धरती पर खेली गई सर्वश्रेष्ठ पारियों में से एक है, लेकिन उसके बाद से उनका प्रदर्शन बेहद असंगत रहा है।
जैक क्रॉली ने अब तक 54 टेस्ट में 31.48 के औसत से 3023 रन बनाए हैं। इसमें उनके 5 शतक और 16 अर्धशतक भी शामिल हैं। ओली पोप ने अब तक 56 टेस्ट मैच खेले हैं। इसमें उन्होंने 35.49 के औसत से 3301 रन बनाए हैं। इसमें उनके 8 शतक और 15 अर्धशतक शामिल हैं।
पूर्व अंग्रेज सलामी बल्लेबाज ने ‘डेली टेलीग्राफ’ में अपने कॉलम में लिखा, ‘हम अचानक यह नहीं कह सकते कि कॉली और पोप ने तकनीकी और मानसिक समस्याओं को सुलझा लिया है, जो उनके करियर को प्रभावित कर रही थीं, क्योंकि जिम्बाब्वे की गेंदबाजी बहुत औसत थी।’
जिम्बाब्वे के खिलाफ क्रॉली, डकेट और पोप ने लगाए थे शतक
हाल ही में जिम्बाब्वे के खिलाफ एकमात्र टेस्ट में इंग्लैंड के टॉप-3 बैटर्स जैक क्रॉली, बेन डकेट और ओली पोप ने शतक लगाए। उनकी पारियों की मदद से इंग्लैंड ने जिम्बाब्वे के ‘औसत दर्जे के बॉलिंग अटैक’ के सामने 565/6 का स्कोर बनाकर पारी घोषित की। इंग्लैंड ने उस मैच में एक पारी और 45 रन से जीत हासिल की।
84 वर्षीय पूर्व क्रिकेटर ने हालांकि स्वीकार किया कि इन रन से इंग्लैंड के शीर्ष क्रम का आत्मविश्वास बढ़ेगा। उन्होंने कहा, ‘वे मध्यम गति के गेंदबाज थे, जो क्रॉली और पोप की बल्लेबाजी में किसी भी तरह की खामी को उजागर करने के लिए पर्याप्त नहीं थे। हमें यह देखने के लिए भारत के साथ टेस्ट सीरीज तक इंतजार करना होगा कि क्या बेहतर गेंदबाजों के खिलाफ वास्तव में कोई सुधार हुआ है।’ उन्होंने लिखा, ‘शीर्ष 3 बल्लेबाजों जैक क्रॉली, बेन डकेट और ओली पोप ने शतक बनाए। बहुत बढ़िया। यह उनकी गलती नहीं है कि गेंदबाजी इतनी खराब थी।’
फॉर्म और आत्मविश्वास ही सब कुछ: ज्योफ्री बॉयकॉट
उन्होंने लिखा, ‘यह बिल्कुल वैसा ही था जैसा कोई भी बल्लेबाज सीजन की शुरुआत में चाहता है: आसान रन। रन आत्मविश्वास पैदा करते हैं, आत्मविश्वास आपको गर्मियों के लिए तैयार करता है। फॉर्म और आत्मविश्वास ही सब कुछ है। उन्होंने अपना काम किया, लेकिन अगर हम ईमानदारी से कहें तो यह टेस्ट मैच क्रिकेट के लिए कोई बढ़िया उल्लेख नहीं था।’
इंग्लैंड बनाम जिम्बाब्वे: बेमेल मुकाबला
ज्योफ्री बॉयकॉट ने इंग्लैंड बनाम जिम्बाब्वे टेस्ट मैच को ‘बेमेल’ बताते हुए कहा, ‘इससे एक टीम को फायदा हुआ। दूसरी टीम को बुरी तरह मात खानी पड़ी। हालांकि, इंग्लैंड के शीर्ष 3 खिलाड़ी भारत के खिलाफ टेस्ट सीरीज में पूरे आत्मविश्वास के साथ उतरेंगे। अब उनके पास कोई बहाना नहीं है।’
उन्होंने लिखा, ‘यह ऐसा था जैसे किसी हैवीवेट बॉक्सर को फ्लाईवेट बॉक्सर के सामने खड़ा कर दिया गया हो। हैवीवेट बॉक्सर ने फ्लाईवेट बॉक्सर के साथ खिलवाड़ किया और फिर उसे एक ही मुक्के से नॉकआउट कर दिया।’ इंग्लैंड 20 जून से लीड्स में शुरू होने वाली पांच टेस्ट मैच की सीरीज में भारत का सामना करेगा। विश्व टेस्ट चैंपियनशिप चक्र में उसकी अगली नजर 21 नवंबर से होने वाली ऑस्ट्रेलिया में एशेज सीरीज होगी।
ज्योफ्री बॉयकॉट ने लिखा, ‘साल के अंत में होने वाली एशेज सीरीज के लिए मेरी चिंता हमेशा इंग्लैंड की गेंदबाजी रही है। नॉटिंघम में मैंने ऐसा कुछ नहीं देखा जिससे मेरा मन बदल जाए। जिम्बाब्वे की टीम ने सीमर्स को बहुत ही साधारण बना दिया, जबकि वे एक छोटी काउंटी टीम से ज्यादा बेहतर नहीं थे।’