इंग्लैंड के खिलाफ होने वाली टेस्ट सीरीज के शुरुआती दो मैचों के लिए चयनकर्ताओं ने भारतीय टीम की शुक्रवार को घोषणा कर दी। भारतीय टीम में विकेटकीपर बल्लेबाज ध्रुव जुरेल को मौका दिया गया है। 22 साल का यह खिलाड़ी घरेलू क्रिकेट में उत्तर प्रदेश का प्रतिनिधित्व करता है। वह पिछले साल दिसंबर में इंडिया ए टीम का हिस्सा थे जो कि साउथ अफ्रीका के दौरे पर गई थी। रणजी ट्रॉफी में भी उन्होंने अच्छा खेल दिखाया है।
जुरेल ने घरेलू क्रिकेट में किया कमाल
जुरेल ने विदर्भ के खिलाफ पिछले साल फर्स्ट क्लास डेब्यू किया था। उन्होंने 15 मैचों में 46 के औसत से 790 बनाए हैं। उनके बल्ले से एक शतक और पांच अर्धशतक निकले हैं। जुरेल को अपने नियमित प्रदर्शन का इनाम मिला है। उनके संघर्ष में मां और पिता का अहम रोल रहा।
पिता लड़े थे करगिल युद्ध
ध्रुव जुरेल का परिवार उत्तर प्रदेश के आगरा से ताल्लुक रखता है। उनके पिता सेना में हवलदार थे। वह 1999 के करगिल युद्ध में भी लड़े। वह चाहते थे कि बेटा भी उनकी तरह सेना का हिस्सा बने और सरकारी नौकरी करे। ध्रुव भी पिता की राह पर चलना चाहते थे। ध्रुव ने बिना पिता को बताए क्रिकेट ट्रेनिंग में अपना नाम लिखाया। जब पिता को पता चला तो उन्होंने जुरेल को काफी डांटा था। हालांकि बाद में वही पिता उनकी ताकत बने। बेटे को बल्ला दिलाने के लिए उनके पिता 800 रुपए का कर्ज लिया था।
मां ने भी दिया साथ
जब ध्रुव जुरेल ने पिता को बताया कि उन्हें क्रिकेट किट चाहिए तो परिवार कीमत जानकर हैरान रह गया था। पिता ने कहा कि जुरेल को क्रिकेट छोड़ देना चाहिए। ऐसे समय में मां ने काफी समर्थन किया। उन्होंने बेटे को पहली क्रिकेट किट देने के लिए अपनी सोने की चेन बेच दी थी। ध्रुव जुरेल ने घर की आर्थिक स्थिति देखते हुए क्रिकेट को ही जिंदगी का मकसद बना दिया। वह चाहते थे कि पिता को किसी को सैल्यूट न मारना पड़े। आईपीएल में चयन के बाद उनके पिता को भी यकीन हो गया कि बेटा कुछ खास करेगा। टीम इंडिया को शायद इस दौरे पर प्लेइंग इलेवन में जगह मिलना मुश्किल है लेकिन सीनियर खिलाड़ियों के साथ ड्रेसिंग रूम शेयर करने का फायदा मिलेगा।