बेन स्टोक्स और शुभमन गिल ने बुधवार (30 जुलाई) को टेस्ट मैचों के बीच लंबे अंतराल की वकालत की। दोनों का मानना है कि गेंदबाजों पर हैवी वर्कलोड को देखते हुए पांच टेस्ट मैचों की सीरीद के लिए तीन दिन का ब्रेक बहुत कम है।
लीड्स में पहले टेस्ट और लॉर्ड्स में तीसरे टेस्ट के बाद एक हफ्ते का ब्रेक था, लेकिन टीमों को दूसरे और तीसरे मैच और चौथे और पांचवें मैच के बीच केवल तीन दिन का अंतराल मिला।
व्यस्त कार्यक्रम के कारण खिलाड़ियों के पास रिकवर होने के लिए कम समय था। स्टोक्स बुधवार को दाहिने कंधे की चोट के कारण सीरीज के अंतिम मैच से बाहर हो गए थे। भारत को भी अपने कुछ तेज गेंदबाजों की चोटों से जूझना पड़ा है। स्टोक्स ने ओवल में होने वाले पांचवें टेस्ट मैच से एक दिन पहले कहा, “मुझे लगता है कि आप पांच मैचों की सीरीज पर गौर कर सकते हैं और क्या मैचों के बीच का अंतराल थोड़ा बेहतर हो सकता है… आपके पास दो आठ और नौ दिन के टर्नअराउंड और दो तीन दिन के टर्नअराउंड हैं।”
दोनों टीमों के लिए मुश्किल
स्टोक्स ने कहा, “शायद आप प्रत्येक मैच के लिए इसे पांच दिन का बना सकते हैं ताकि निरंतरता बनी रहे। दोनों टीमों के लिए यह मुश्किल रहा है। गेंदबाजों ने काफी ओवर किए हैं, मैदान पर काफी समय बिताया है, यह खेल का हिस्सा है। शायद आप इस पर विचार कर सकते हैं कि क्या हमें 8/9 दिन का ब्रेक और फिर तीन दिन का ब्रेक चाहिए था। क्या यह हर टीम के लिए चार या पांच दिन का हो सकता है?”
तीन दिन का टर्नअराउंड बहुत कम
भारतीय कप्तान गिल ने कहा कि पूरे पांच दिन तक चलने वाले सभी मैचों से खिलाड़ियों के लिए उबरना कठिन हो गया है। गिल ने कहा, ” इसके अलावा, इस सीरीज की सबसे अहम बातों में से एक यह रही है कि सभी मैच पांच दिन तक चले। सिर्फ पांच दिन ही नहीं, बल्कि पांचवें दिन का आखिरी सत्र तक। मुझे ऐसी कोई सीरीज याद नहीं आती, जिसमें चारों टेस्ट मैच आखिरी पल तक चले हों। इसलिए, यह निश्चित रूप से मुश्किल है। जब दोनों टीमें इतनी कड़ी क्रिकेट खेल रही हों, तो तीन दिन का टर्नअराउंड बहुत कम है। साथ ही हम समझते हैं कि अगर आप हर मैच के बाद पांच या छह दिन का समय देते रहेंगे तो दौरा बहुत लंबा हो जाएगा। इसलिए, हां, मुझे लगता है कि यह फैसला बोर्ड ने लिया है। “