भारत-इंग्लैंड के बीच ओवल में खेले जा रहे पांचवें टेस्ट मैच के पहले दिन अंपायर कुमार धर्मसेना की एक तस्वीर और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है। इसमें वे इंग्लैंड के गेंदबाज को अंदरूनी किनारा का इशारा करते नजर आ रहे हैं। इसे लेकर श्रीलंका के अंपायर पर निशाना साधा जा रहा है। कहा जा रहा है कि धर्मसेना ने इंग्लैंड को रिव्यू न लेने में मदद की।
यह घटना भारत की पहली पारी के 13वें ओवर में हुई जब जोश टंग ने साई सुदर्शन को एक तेज इनस्विंग यॉर्कर फेंकी। गेंद तेजी से अंदर आई और सुदर्शन के पैड पर लगी। वह असहज स्थिति में जमीन पर गिर पड़े। इंग्लैंड ने जोरदार एलबीडब्ल्यू की अपील की, लेकिन धर्मसेना ने तुरंत अपना सिर हिलाया और अपनी उंगलियों से इशारा करते हुए नजर आए कि गेंद ने बल्ले का किनारा लिया है।
धर्मसेना की हरकत चर्चा का विषय
बाद में रीप्ले से पुष्टि हुई कि सुदर्शन के पैड पर गेंद लगने से पहले गेंद ने बल्ले का किनारा लिया था। ऐसे में इंग्लैंड के रिव्यू लेने पर भी वह बच जाते। ऐसे धर्मसेना की हरकत चर्चा का विषय बन गई। इसे लेकर उनकी एक तस्वीर ऑनलाइन खूब शेयर हुई। उनपर इंग्लैंड की मदद करने का आरोप लगा। इस बीच कमेंट्री के दौरान पूर्व क्रिकेटर संजय बांगड़ ने बताया कि धर्मसेना ने ऐसा क्यों किया?
आदतें जाती नहीं हैं अंपायर की
जियो हॉटस्टार पर कमेंट्री के दौरान दीप दास गुप्ता ने कहा, ” हां, धर्मसेना अगर आप देखे वो उंगली से बताते हुए कि गेंद बल्ला लगा है।” अनंत त्यागी पूछते हैं क्या यह बताना सही है? अगर इंग्लैंड रिव्यू लेना चाहते हैं तो ले लें। इसका जवाब देते हुए संजय बांगड़ कहते हैं, ” आदतें जाती नहीं हैं अंपायर की, क्योंकि सेकेंड नेचर होता है। जब भी अपील होती है आप कहने की कोशिश करते हैं। धर्मसेना ने अंपायरिंग की शुरुआत करी तब तो डीआरएस था नहीं। मगर उसके बाद जैसे-जैसे बढ़ता चला गया क्योंकि आपको ये बताना नहीं है या कुछ सिगनल भी नहीं देना है कि आपके दिमाग में क्या है। नहीं तो वो एक थोड़ा सा हिंट मिल जाता है कि अंपायर क्या सोच रहे हैं।”