इंग्लैंड के खिलाफ 5 मैचों की टेस्ट सीरीज के तीसरे मैच में हारने के बाद भारतीय टीम करो या मरो की स्थिति में है। शुभमन गिल की अगुआई वाली टीम को 23 जुलाई से मैनचेस्टर में खेले जाने वाले चौथे टेस्ट को हर हाल में जीतना होगा। ऐसा न होने पर इंग्लैंड की टीम अजेय बढ़त बना लेगी। 18 साल बाद इंग्लैंड में भारत के टेस्ट सीरीज जीतने का सपना पूरा नहीं हो पाएगा।

मैनचेस्टर टेस्ट से पहले भारतीय टीम के लिए सबसे बड़ी दिक्कत है ऋषभ पंत की चोट, जिसके कारण वह लॉर्ड्स में विकेटकीपिंग नहीं कर पाए थे। जसप्रीत बुमराह की गेंद रोकने के प्रयास में बाएं हाथ की तर्जनी उंगली (Index Finger) चोटिल कर लेने वाले पंत ने बेकेनहम में गुरुवार (17 जुलाई) को बैटिंग या विकेटकीपिंग की प्रैक्टिस नहीं की।

रवि शास्त्री की भारतीय टीम को चेतावनी, मैनचेस्टर में पंत को नहीं खिलाने की कही बात

इस बीच सहायक कोच रेयान टेन डोएशेट ने पंत को बतौर विशेषज्ञ बल्लेबाज खिलाने के भी संकेत दिए। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय टीम उन्हें चोट से उबरने का पूरा मौका देना चाहती है। टीम चाहती है कि ऋषभ विकेटकीपिंग की भी जिम्मेदारी संभाले। भारतीय टीम की भलाई इसी में है कि वह जोखिम न ले। पंत को पूरी तरह से फिट होने पर ही प्लेइंग 11 में मौका मिले। अगर पंत खेलते हैं और बीच मैच में उनकी चोट बढ़ जाती है तो उनकी जगह सब्स्टीट्यूट भी नहीं मिलेगा।

क्या कहता है आईसीसी का नियम

आईसीसी के नियम 24.1 में फील्डर की अनुपस्थिति और सब्स्टीट्यूट के बारे में जानकारी दी गई है। 24.1.1 में बताया गया है कि अंपायर किन परिस्थितियों में सब्स्टीट्यूट फील्डर के इस्तेमाल की अनुमति देंगे। 24.1.1.1 में कहा गया है कि यदि अंपायर इस बात से संतुष्ट हों कि मैच के दौरान कोई खिलाड़ी घायल या बीमार हुआ है। कोई अन्य स्वीकार्य कारण से भी सब्स्टीट्यूट फील्डर मिल सकता है। 24.1.1.2 में कहा गया कि अन्य किसी परिस्थिति में सब्स्टीट्यूट फील्डर की अनुमति नहीं है। यानी पंत की चोट मैच के दौरान बढ़ गई और वह कीपिंग नहीं कर पाए तो भारतीय टीम को उनका सब्स्टीट्यूट नहीं मिलेगा। 10 फील्डर्स के साथ ही फील्डिंग करनी पड़ेगी।

जुरेल-पंत को खिलाने पर बैटिंग कॉम्बिनेशन बिगड़ेगा

आईसीसी के नियम को ध्यान में रखते हुए अगर ऋषभ पंत और ध्रुव जुरेल को खिलाया गया तो इससे बैटिंग कॉम्बिनेशन बिगड़ेगा। जुरेल को करुण नायर की जगह टीम में शामिल किया जाता है तो सबसे बड़ी समस्या यह होगी कि नंबर-3 पर कौन खेलेगा? शुभमन गिल एक ऑप्शन हैं, लेकिन चौथे नंबर पर उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया है। ऐसे में उन्हें नंबर 3 पर खिलाने का जोखिम क्यों लिया जाए। जुरेल को नितीश रेड्डी की जगह खिलाया जा सकता है, लेकिन क्या गौतम गंभीर ऑलराउंडर्स का मोह त्याग पाएंगे? एक और समस्या यह है कि पंत फील्डिंग कहां करेंगे? करुण और नितीश स्लिप कॉर्डन में खड़े होते हैं। पंत को स्लिप कॉर्डन में नहीं खड़ा किया जा सकता।

केएल राहुल का वर्कलोड न बढ़ जाए

अगर ऋषभ पंत बतौर विकेटकीपर खेलते हैं और उनकी चोट बढ़ जाती है तो केएल राहुल विकेटकीपिंग कर सकते हैं। राहुल ने साउथ अफ्रीका में विकेटकीपर की जिम्मेदारी संभाली थी, लेकिन बतौर ओपनर टेस्ट मैच में विकेटकीपिंग करने से उनका वर्कलोड बढ़ेगा। डेढ़-दो दिन कीपिंग करने के बाद बल्लेबाजी आसान नहीं होगी। राहुल के साथ भी चोट की समस्या रही है।

क्यों करें जल्दबाजी?

भारतीय टीम के पास बतौर विकेटकीपर और बल्लेबाज ध्रुव जुरेल जैसा ऑप्शन है। वह दोनों रोल में अच्छे साबित हो सकते हैं। उन्हें स्पेशलिस्ट बल्लेबाज के तौर भी खिलाने को लेकर बहस होती रहती है। फिर ऋषभ पंत को लेकर जल्दबाजी क्यों करना? कहीं ऐसा न हो कि पंत आखिरी टेस्ट या लंबे समय तक बाहर हो जाएं।