भारत-इंग्लैंड के बीच 5 मैचों की टी20 सीरीज का पहला मैच बुधवार (22 जनवरी) को कोलकाता के ईडेन गार्डन में खेला जाएगा। इससे पहले सोमवार (20 जनवरी) को भारतीय टीम के उपकप्तान अक्षर पटेल प्रेस कॉन्फ्रेंस में पहुंचे। अनुभवी रविंद्र जडेजा की जगह स्थायी रूप से लेने के दावेदार स्पिन गेंदबाजी ऑलराउंडर अक्षर पटेल को पता है कि भारत टेस्ट टीम बड़े बदलाव के दौर गुजरेगी तो मौका आएंगे। हालांकि, वह मानते हैं कि उन्हें “किसी को कुछ साबित करने” की जरूरत नहीं है।
सोमवार को 31 साल के हो गए अक्षर पिछले एक दशक से भारतीय टीम में रहे हैं, लेकिन जडेजा के होते हुए उन्हें ज्यादा मौके नहीं मिले हैं। अपने 11 साल के अंतरराष्ट्रीय करियर में अक्षर ने तीन प्रारूपों में 184 विकेट लिए हैं। इनमें से 55 विकेट 14 टेस्ट मैचों में आए हैं, जिनमें से दो मैच बांग्लादेश में थे जब जडेजा अनफिट थे। भारतीय क्रिकेट में बदलाव और क्या इससे उन्हें लाभ होगा? इस बारे में बात करते हुए भारत के टी20 उपकप्तान ने प्रतिक्रिया दी।
चयनकर्ताओं और कप्तान फैसला लेंगे
अक्षर ने कहा, “हां, एक बदलाव का दौर आ रहा है और आखिरकार चयनकर्ताओं और कप्तान फैसला लेंगे। मुझे किसी को कुछ साबित करने की जरूरत महसूस नहीं होती। मेरी कोशिश होती है कि अपनी भूमिका को निभाऊं और खुद में लगातार सुधार करूं। अगर मैं अच्छा प्रदर्शन करता हूं, तो टीम में मेरी जगह अपने आप ही बन जाएगी।”
यह सोचकर दबाव नहीं लेता कि मैं जगह का हकदार हूं
अक्षर खुद को सभी फॉर्मेट का खिलाड़ी मानते हैं। उन्होंने कहा, “मैं खुद से कहता रहता हूं कि मैंने तीनों प्रारूप खेले हैं, चाहे वह टेस्ट हो, वनडे हो या टी20। मेरा ध्यान हमेशा अच्छा प्रदर्शन करने पर रहता है, बजाय इसके कि मुझे किसी को कुछ साबित करने की जरूरत महसूस हो, चाहे मुझे चुना जाए या नहीं। यह सोचकर दबाव नहीं लेता कि मैं जगह का हकदार हूं। यह हमेशा टीम संयोजन और मेरे लिए कोई जगह है या नहीं से जुड़ा होता है।”
ऑस्ट्रेलिया दौरे पर जगह न मिलने से निराश नहीं थे अक्षर
ऑस्ट्रेलिया में बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के लिए भारतीय टीम में जगह नहीं बना पाने से अक्षर निराश नहीं थे। इसके बजाय उन्होंने साउथ अफ्रीका में एक टी20 सीरीज पर ध्यान केंद्रित किया, जहां उन्होंने सभी मैच खेले। उन्होंने कहा, “जब चयन या ऑस्ट्रेलिया सीरीज की बात आती है, तो मैं इस बारे में ज्यादा सोचता हूं कि मुझे कहां अवसर मिल सकते हैं, बजाय इसके कि मैं जगह पाने का हकदार हूं या नहीं। यह सब एक क्रिकेटर की यात्रा का हिस्सा है। सिर्फ 15 खिलाड़ी ही टीम में हो सकते हैं और आप अपनी जगह को हल्के में नहीं ले सकते। मैं इस तरह से नहीं सोचता।” भारतीय टीम की प्रैक्टिस सेशन के बारे में जानने के लिए क्लिक करें।