Ravichandran Ashwin Should Have To Retire From ODI And T20I: रविचंद्रन अश्विन बांग्लादेश (Bangladesh) के खिलाफ पहले टेस्ट मैच में सिर्फ एक विकेट ही ले पाए। अश्विन (Ravichandran Ashwin) ने 37 ओवर गेंदबाजी की और इस दौरान 109 रन खर्च किए। इससे पहले अश्विन इस साल 4 टेस्ट मैच में 13 विकेट लेने में सफल रहे थे। यानी हर टेस्ट मैच (Test Match) में औसतन 3 विकेट ले रहे थे। अश्विन अब तक 87 टेस्ट मैच में 443 विकेट ले चुके हैं।
अश्विन टेस्ट में भारत के दूसरे सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज (Bowler) हैं। इस मामले में अनिल कुंबले (Anil Kumble) पहले नंबर पर हैं। कुंबले ने अपने करियर के दौरान 132 टेस्ट मैच में 619 विकेट लिए थे। आंकड़े बताते हैं कि अश्विन यदि भारत के नंबर वन (Number 1) टेस्ट गेंदबाज बनना चाहते हैं तो उन्हें ऑस्ट्रेलिया (Australia) के जेम्स एंडरसन (James Anderson) और इंग्लैंड (England) के स्टुअर्ट ब्रॉड (Stuart Broad) जैसे दिग्गज गेंदबाजों की तरह टेस्ट क्रिकेट पर ही फोकस करना होगा और एकदिवसीय और टी20 क्रिकेट से तौबा करनी पड़ेगी।
रविचंद्रन अश्विन ने 2022 में कुल 21 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले हैं। अश्विन इनमें 35.07 के औसत से 26 विकेट ही ले पाए, जबकि उनका ओवरऑल एवरेज 26.28 है। अश्विन ने इस साल अब तक 5 टेस्ट मैच खेले। इसमें उन्होंने 14 विकेट लिए।
इस हिसाब से देखा जाए तो अश्विन ने इस साल एकदिवसीय (One Day International) और टी20 अंतरराष्ट्रीय (T20 International) कुल 16 मैच में 12 विकेट ही ले पाए। अश्विन दो एकदिवसीय मैच में एक और 14 टी20 इंटरनेशनल मैच में 11 विकेट ही ले पाए। यानी हर मैच में विकेट लेने में असफल रहे।
रविचंद्रन अश्विन ने साल 2021 तक 51 टी20 इंटरनेशनल मैच में 61 और 112 एकदिवसीय मुकाबलों में 150 विकेट लिए थे। मतलब अश्विन की परफॉर्मेंस में गिरावट आई है। ऐसे में यह जरुरी हो जाता है कि अश्विन किसी एक फॉर्मेट (Format) पर अपना ध्यान केंद्रित करें। इसमें कोई संदेह नहीं कि अश्विन टेस्ट क्रिकेट में कुंबले का रिकॉर्ड (Record) तोड़ने की क्षमता रखते हैं। ऐसे में उनके लिए सबसे बेहतर यही होगा कि वह अन्य फॉर्मेट की जगह इस पर ही फोकस करें।