भारतीय टीम 5 मैचों की टेस्ट सीरीज के लिए ऑस्ट्रेलिया दौरे पर है। भारतीय टीम का ऑस्ट्रेलिया दौरा केवल अच्छे या बुरे प्रदर्शन की वजह से नहीं बल्कि खिलाड़ियों की लड़ाई के कारण भी सुर्खियों में रहता है, लेकिन जनवरी 2008 में खेला गया सिडनी टेस्ट जैसे हालात कभी नहीं रहे हैं। सिडनी क्रिकेट ग्राउंड (SCG) पर भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच 2008 का न्यू ईयर टेस्ट को ‘मंकीगेट’ कांड के लिए याद किया जाता है।

हरभजन सिंह और एंड्रयू साइमंड्स के बीच व्यक्तिगत गतिरोध नस्लीय विवाद में बदल गया था। दोनों के बीच लड़ाई नहीं हुई होती तो यह मैच कई अजीबोगरीब अंपायरिंग फैसलों के लिए याद किया जाता। अंपायर स्टीव बकनर और मार्क बेंसन चर्चा में थे,लेकिन जब ऑस्ट्रेलिया के कप्तान रिकी पोंटिंग ने टेस्ट के आखिरी दिन शिकायत की कि हरभजन ने साइमंड्स को “मंकी” कहकर नस्लीय टिप्पणी की है तो हंगामा मच गया।

कब लड़े हरभजन और साइमंड्स

मामला भारत की पहली पारी का है। भारतीय टीम के लिए सचिन तेंदुलकर ने 154 रन की पारी खेली। हरभजन सिंह ने 63 रन बनाए थे। इस 129 रन की साझेदारी के दौरान हरभजन सिंह और एंड्रयू साइमंड्स के बीच लड़ाई हुई थी। ब्रेट ली की गेंदबाजी के दौरान मिडऑफ पर फील्डिंग कर रहे एंड्रयू साइमंड्स ने नॉन-स्ट्राइकर छोर पर खड़े हरभजन सिंह से बहस की। ऑस्ट्रेलिया की टीम ने आरोप लगाया कि भज्जी ने साइमंड्स को मंकी कहा। सचिन तेंदुलकर और भारतीय टीम का कहना था कि भज्जी ने साइमंड्स को गाली दी और मां की…. कहा। इस बयान की वजह से तेंदुलकर को रिकी पोंटिंग और एडम गिलक्रिस्ट जैसे खिलाड़ी झूठा बताते है।

असली लड़ाई कोर्ट में लड़ी गई

ऑस्ट्रेलिया ने भारत को टेस्ट में 122 रनों से हराया, लेकिन असली लड़ाई अभी बाकी थी। अगले कुछ दिनों तक यह लड़ाई कोर्ट में लड़ी गई। इसमें हरभजन को तीन टेस्ट मैचों के लिए निलंबित कर दिया गया। हरभजन के साथ सचिन तेंदुलकर थे। वह बहुत गुस्से में थे। बीसीसीआई ने दौरे से हटने की धमकी दे दी थी। ‘प्लेइंग इट माई वे’ में तेंदुलकर ने लिखा,”अनिल कुंबले (तत्कालीन कप्तान) और मैंने मिलकर फैसला किया कि अगर भज्जी पर प्रतिबंध बरकरार रखा गया तो हम दौरे का बहिष्कार करेंगे।”

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भारत के सीनियर खिलाड़ियों ने हरभजन का समर्थन किया

कप्तान अनिल कुंबले ने मैच के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में मैच पर भारत का रुख स्पष्ट किया। उन्होंने कहा, “केवल एक टीम खेल भावना से खेल रही है। घटना के बारे में दोनों पक्षों की ओर से बयानबाजी की गई। मैच रेफरी माइक प्रॉक्टर ने पाया कि उनकी तस्वीर भारतीय अखबारों के पहले पन्ने पर छपी है। माइकल क्लार्क उन ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों में से एक थे, जिन्होंने जोर देकर कहा कि उन्होंने हरभजन की बात सुनी है, जबकि भारत के सीनियर खिलाड़ियों ने हरभजन का समर्थन किया।

हरभजन की सजा घटाकर 50% मैच फीस का जुर्माना कर दिया गया

आखिरकार, हरभजन की सजा घटाकर 50% मैच फीस का जुर्माना कर दिया गया। आईसीसी ने पर्थ में तीसरे टेस्ट से अंपायर बकनर को हटा दिया। भारत ने पर्थ में वह टेस्ट जीता, लेकिन ऑस्ट्रेलिया ने एडिलेड में अंतिम टेस्ट ड्रॉ करके बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी जीती।

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एडम गिलक्रिस्ट ने तेंदुलकर की गवाही को मजाक बताया

एडम गिलक्रिस्ट ने अपनी आत्मकथा में सचिन तेंदुलकर की इमानदारी पर सवाल उठाए थे। हरभजन सिंह की अपील के दौरान तेंदुलकर की गवाही को “मजाक” करार देते हुए गिलक्रिस्ट ने कहा, “भारतीयों ने उन्हें (हरभजन को) उस समय बचा लिया। नस्लीय अपमान के मामले को अत्यंत गंभीरता से लेना चाहिए था।” तेंदुलकर के व्यवहार से गिलक्रिस्ट निराश थे। उनके अनुसार तेंदुलकर ने शुरू में सुनवाई में कहा था कि वे यह नहीं सुन नहीं पाए थे कि क्या कहा गया है। गिलक्रिस्ट का मानना था कि तेंदुलकर सच बोल रहे थे क्योंकि वे “काफी दूर थे”।

रिकी पोंटिंग ने भी सचिन तेंदुलकर की आलोचना की

तब ऑस्ट्रेलिया के कप्तान रिकी पोंटिंग ने भी सचिन तेंदुलकर की आलोचना की है। पोंटिंग ने ‘द क्लोज ऑफ प्ले’ शीर्षक से अपने संस्मरण में कहा कि उन्हें समझ में नहीं आया कि तेंदुलकर ने अपील की सुनवाई के दौरान हरभजन सिंह का समर्थन क्यों किया, लेकिन जब मैच रेफरी माइक प्रॉक्टर ने साइमंड्स पर नस्लीय टिप्पणी करने के लिए स्पिनर को निलंबित किया था, तब उन्होंने कुछ नहीं कहा।