टी-20 विश्व कप-2007 भारत के लिए बेहद खास रहा। इसकी वजह थी कि इंडिया इस फॉर्मेट के पहले ही वर्ल्ड कप का विजेता रहा। इस दौरान महेंद्र सिंह धोनी शानदार कप्तान और कमाल के रणनीतिकार साबित हुए। विकेट के पीछे उनकी चुस्ती साफ देखी जा सकती थी। आज हम आपको ऐसे ही पल की याद ताजा करवाने जा रहे हैं, जिसमें धोनी ने गेंदबाज के साथ मिलकर एक ओवर में भारत को चार सफलता दिलवाई थी।
जी हां, ये वाकया है 16 सितंबर को न्यूजीलैंड और भारत के बीच जोहानिसबर्ग में खेले गए टी-20 विश्व कप-2007 का। इस दौरान देश की ओर से युवा टीम को भेजा गया था, जिसमें सौरभ गांगुली और सचिन तेंदुलकर जैसे अनुभवी खिलाड़ी शामिल नहीं थे। लेकिन माही ने अपनी युवा ब्रिगेड के दम पर देश को विश्व विजेता बनाया।
न्यूजीलैंड की पारी का 20वां ओवर डाला जा रहा था। गेंद रुद्र प्रताप सिंह के हाथों में थी। न्यूजीलैंड 19 ओवर में 6 विकेट खोकर 185 रन बना चुका था। आखिरी ओवर की पहली गेंद पर आरपी सिंह ने डेनियल वेट्टोरी (15) को क्लीन बोल्ड कर दिया। इसके बाद बल्लेबाजी के लिए शेन बॉन्ड आए और उन्होंने आते ही चौका जड़ा। तीसरी गेंद पर शेन बॉन्ड गेंद को छू नहीं सके। मगर नॉन स्ट्राइकर एंड पर खड़े क्रेग मैक्कमिलन उनकी ओर दौड़े चले आए। मैच में पहले से जम चुके बल्लेबाज के विकेट को बचाने की फिराक में शेन बॉन्ड खतरे वाले नॉन स्ट्राइकिंग एंड की ओर दौड़े, जबकि तब तक धोनी गेंद आरपी सिंह की ओर फेंक चुके थे और गेंदबाज ने इतनी देर में शेन को रन आउट कर दिया। चौथी बॉल पर क्रेग ने एक रन लेकर स्ट्राइक गिलेस्पी को दी। पांचवीं बॉल पर क्रेग को धोनी ने स्टंप पर सीधा थ्रो कर रनआउट कर दिया। ये दृश्य बेहद ही हास्यास्पद लग रहा था कि अंतिम गेंद खेलने आए जीतन पटेल भी धोनी की फुर्ती के चलते रन आउट हो गए।
न्यूजीलैंड इस ओवर में सिर्फ 5 ही रन बना सका, जबकि इस बीच उसने 4 विकेट भी खो दिए। मैच को जीतने के लिए न्यूजीलैंड ने विपक्षी टीम को 191 रन का लक्ष्य दिया। मगर इसके जवाब में भारत महज 180 रन ही बना सका। लेकिन ये क्रिकेट इतिहास का ऐसा ओवर था, जिसमें बल्लेबाजों की गलतियों की भरमार थी। साथ ही विकेट के पीछे महेंद्र सिंह धोनी की चीते जैसी फुर्ती ने सभी को उनका दीवाना बना दिया।
