नई दिल्ली। फर्स्ट क्लास क्रिकेट के सचिन तेंदुलकर कहे जानें वाले विदर्भ के दिग्गज बल्लेबाज वसीम जाफर रणजी सीजन में इस साल दूसरे सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज थे। जाफर ने विदर्भ के लिए शानदार प्रदर्शन करते हुए दूसरी बार उन्हें रणजी चैंपियन बनाया। उनके इस बेहतरीन प्रदर्शन की तारीफ हर कोई कर रहा है। लेकिन क्या आप जानते हैं एक समय ऐसा भी था जब फर्स्ट क्लास क्रिकेट में 19 हज़ार रन बनाने वाला ये खिलाड़ी फ्री में खेलने को तैयार था। लेकिन किसी भी टीम ने उन्हें जगह नहीं दी थी।
जी हां! वसीम ने एक इंटरव्यू में बताया “2014-15 में यह पता चला की वनडे टीम से चयनकर्ता मुझे बाहर करने वाले हैं। मैंने बोला मैं खेलना चाहता हूं और विजय हजारे ट्रॉफी में मैंने सबसे ज्यादा रन बनाए। उसके बाद विदर्भ के साथ मेरा पहला सीजन अच्छा रहा लेकिन दूसरे सीजन में मैं चोटिल हो गया और टीम से बाहर चला गया। इस दौरान मेरा टीम के साथ जो दो साल का करार था वो भी ख़त्म हो गया। मैंने टीम के साथ जुड़े रहने की इच्छा जताई लेकिन वे लोग नहीं माने। मैं अपना क्रिकेट करियर इसी टीम में ख़त्म करना चाहता था क्योंकि यहां खेलते हुए मुझे अच्छा लगता था। भले ही विदर्भ ने उस साल कुछ जीता न हो लेकिन नॉकआउट के लिए क्वालीफाई किया था।”
वसीम ने बताया “अंबाती रायडू और कारण शर्मा जैसे युवा खिलाड़ियों के आने के बाद मुझे टीम ने बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। इसके बाद में इंग्लैंड चला गया लीग खेलने इस दौरान मैंने कई राज्यों की टीम से बात की। मैं फ्री मैं खेलने को भी तैयार था लेकिन कोई नहीं माना। ये मेरे लिए बहुत बड़ा झटका था। मैंने फर्स्ट क्लास क्रिकेट में सबसे ज्यादा रन बनाए हैं और आज मुझे कोई टीम में नहीं लेना चाहता यह सोचकर मैं काफी निराश था। लेकिन तभी मुंबई ने चंद्रकांत पंडित को कोच पद से हटा दिया और विदर्भ ने उन्हें साइन कर लिया। मैंने पंडित से बात की और बताया विदर्भ की तरफ से मैं बिना पैसे भी खेलने के लिए तैयार हूं। उन्होंने प्रशांत बैद्या से बात की और वह मान गए। उनका बहुत शुक्रिया पिछले दो सीजन विदर्भ की तरफ से खेलते हुए मैंने बहुत लुत्फ उठाया है।”