पूर्व भारतीय क्रिकेटर शिखर धवन आयशा मुखर्जी से अलग होने के बाद बेटे जोरावर से भी अलग हो गए हैं। अपनी आक्रामक बल्लेबाजी शैली के लिए मशहूर शिखर धवन निजी तौर पर इस पारिवारिक अलगाव के भावनात्मक रूप से निपट रहे हैं। 39 वर्षीय इस शख्सियत ने हाल ही में अपने बेटे से दोबारा मिलने की तीव्र इच्छा व्यक्त की थी।
शादी के 8 साल बाद, क्रिकेटर शिखर धवन और आयशा मुखर्जी ने 2023 में तलाक ले लिया। दिल्ली की एक अदालत ने आयशा मुखर्जी द्वारा मानसिक क्रूरता का हवाला देते हुए तलाक को मंजूरी दी। शिखर धवन के लिए इस फैसले का सबसे अहम असर उनके बेटे से मिलने-जुलने के अधिकार को सीमित करना था।
अदालत ने शिखर धवन को तलाक तो दे दिया, लेकिन उनकी पूर्व पत्नी, जो अपने बेटे ज़ोरावर के साथ ऑस्ट्रेलिया में रहती हैं, को बेटे जोरावर की स्थायी कस्टडी दे दी। अदालत ने शिखर धवन के अपने बेटे के साथ रिश्ते को मान्यता दी और उन्हें बेटे जोरावर से मिलने का अधिकार दिया।
अदालत के फैसले से शिखर धवन को भारत और ऑस्ट्रेलिया दोनों जगहों पर जोरावर से मिलने का अधिकार मिल गया है तथा नियमित वीडियो कॉल की भी मंजूरी मिल गई है। हाल ही में रणवीर अलाहाबादिया के शो ‘ताकत’ पर एक इंटरव्यू में क्रिकेटर शिखर धवन ने जोरावर से अलग होने के बाद आने वाली चुनौतियों पर चर्चा की और बताया कि वह उन कठिनाइयों को मैनेज कैसे करते हैं।
जोरावर को 20 साल बाद देंगे क्या सलाह?
शिखर धवन से जब पूछा गया कि 20 साल बाद वह जोरावर को किस तरह की सलाह देना चाहेंगे तो उन्होंने कहा, ‘20 साल बाद मेरा बेटा 31-32 साल का हो जाएगा। मैं उससे कहूंगा कि तुम जो भी करो, खुश रहो। खुश रहने का तरीका है अपने अंदर झांकना। अपनी कमियों को देखें, अपनी खूबियों को पहचानें और उन्हें बेहतर बनाएं।’
मानसिक रूप से बेटे से मिलता हूं: शिखर धवन
शिखर धवन ने कहा, ‘अब मैं उस स्थिति में हूं जहाँ मैं अपने बेटे से बात नहीं कर सकता, मैं इसे कोई बड़ा मुद्दा नहीं बनाना चाहता। मुझे लगता है कि मैं उससे मानसिक रूप से बात कर रहा हूं… मैं उसे गले लगा रहा हूं, उसे प्यार दे रहा हूं। मैं एक अच्छी जिंदगी जी रहा हूं, लेकिन मेरा बेटा दूसरे देश में रह रहा है। मुझे नहीं पता कि वह क्या कर रहा है, किस स्थिति में है, मुझे कोई जानकारी नहीं है, मैं संपर्क में नहीं हूं।’
उसका पिता हमेशा उसके साथ: शिखर धवन
भावुक होते हुए शिखर धवन बोले, ‘मैं बस उसे यह बताना चाहता हूं कि उसके पिता हमेशा उसके साथ हैं। जब उसमें यहां आने की ताकत होगी और अगर वह अपनी इच्छा और दिल से मेरे साथ रहना चाहेगा, तो मैं हमेशा उसके लिए मौजूद रहूंगा। और निश्चित रूप से एक पिता के रूप में, कोई भी पिता ऐसा करेगा।’
शिखर धवन ने सोशल मीडिया और साक्षात्कारों समेत विभिन्न सार्वजनिक प्लेटफार्मों के माध्यम से बेटे जोरावर के प्रति अपने स्नेह को खुलेतौर पर और बार-बार जाहिर किया है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया है कि दूरी या कानूनी बाधाओं के बावजूद उनका पितृ प्रेम मजबूत बना हुआ है।