हिमांशु अग्निहोत्री

मणिपुर में जन्मे 22 वर्षीय मिडफील्डर अमरजीत सिंह कियाम ने कहा, कोई भी मैच हो आपको मैदान में दबाव महसूस नहीं करना चाहिए। मैं जानता हूं कि आप अपने देश के लिए खेल रहे हैं और बस उस जर्सी को पहनने से आपके हौसले बुलंद हो जाते हैं। मेरी सलाह है कि खिलाड़ी दबाव को अपने ऊपर हावी नहीं होने दें और मैदान पर आनंद लें। अगर आप गलती नही करेंगे तो मैच आपकी टीम ही जीतेगी। आप जो कुछ भी प्रशिक्षण में सीखेंगे वह आपको एक बेहतर खिलाड़ी और इनसान बनाएगा। आप अनुभव का आनंद लें और बाकी सब कुछ अपने आप हो जाएगा।

अमरजीत ने अपने फुटबाल करिअर की शुरुआत एआइएफएफ एलीट अकादमी से की। 2023 तक अमरजीत के करिअर का सबसे प्रमुख हिस्सा अंडर-17 फीफा विश्व कप में भारत का प्रतिनिधित्व करना रहा। उन्होंने 2019 में कोच इगोर स्टिमक के नेतृत्व में वरिष्ठ राष्ट्रीय टीम में पदार्पण भी किया। हालांकि, वे अभी टीम पंजाब एफसी के साथ खेल रहे हैं।

पंजाब का अभियान डूरंड कप में हार के साथ समाप्त हुआ। लेकिन अमरजीत के हौसले बुलंद हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब ने 2022-23 आइ-लीग में विजयी होकर इंडियन सुपर लीग में अपना स्थान सुरक्षित किया है। लीग का सीजन 21 सितंबर से शुरु होगा। इसमें पंजाब नई टीम है और मेरी आगे की योजना टीम में योगदान देना है। पंजाब एफसी के प्रायोजक राउंड ग्लास है। हम चाहते हैं कि आइएसएल के इस सीजन में पंजाब एफसी जीते।

हम जीत के लिए पूरा दमखम लगाएंगे। चीन में होने वाले एशियंस गेम्स के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि यह राष्ट्र की लीग है। इसमें जितने भी सदस्य चुने गए हैं वह अलग अलग टीमों से हैं और सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों की एक टीम बनाई गई है। एशियन गेम्स के लिए जितना भी दमखम लगाना होगा हम लगाएंगे और अपने भारत देश का झंडा एशियन गेम्स में लहराएंगे। अमरजीत ने जमशेदपुर एफसी के लिए अपना पहला आइएसएल में पदार्पण किया। अमरजीत ने मेन आफ स्टील के लिए 15 मैच खेले और एक गोल भी किया।

बाद में 2020-21 में, अमरजीत को एफसी गोवा द्वारा हस्ताक्षरित किया गया। वहां उन्हें ज्यादा मौके नहीं मिले। अमरजीत ने गौर्स के लिए केवल छह गेम खेले। मणिपुर के फुटबालर ने यह भी कहा कि मुख्य टूर्नामेंट के साथ-साथ उसमें कुछ अच्छी टीमों के खिलाफ खेलने से मुझे सामरिक, तकनीकी रूप से और मैदान पर एक व्यक्ति के रूप में सुधार करने में काफी मदद मिली है।