भारतीय हाकी टीम ने 2015 में मैदान के बाहर की घटनाओं से अक्सर प्रभावित होने के बावजूद मैदान के अंदर कुछ विशिष्ट उपलब्धियां हासिल की। इस उतार चढ़ाव वाले साल में जहां खिलाड़ियों ने कुछ ऐतिहासिक उपलब्धियां हासिल की वहीं कोच पाल वान ऐस को बाहर करने और गुरबाज सिंह के निलंबन के कारण विवाद भी पैदा हुए। भारतीय महिला हाकी टीम ने जहां 36 साल बाद ओलंपिक में वापसी की वहीं पुरुष टीम ने हाकी विश्व लीग फाइनल में तीसरा स्थान हासिल करके किसी बड़े अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में पदक नहीं जीत पाने के 33 साल के मिथक को तोड़ा। ए दोनों भारतीय हाकी की बड़ी उपलब्धियां रही लेकिन वान ऐस की रू खी विदाई और अनुभवी मिडफील्डर गुरबाज का नौ महीने के लिए निलंबन से भारतीय हाकी के लिए यह वर्ष घटनाप्रधान बन गया।
पिछले दो सालों की तरह 2015 की शुरुआत भी छह टीमों के फ्रेंचाइजी आधारित हाकी इंडिया लीग से हुई जिसमें भारतीय क्रिकेट कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की सहस्वामित्व वाली रांची रेज चैंपियन बनी। इसके तुरंत बाद भारत ने छह देशों के अजलन शाह कप में खेलने के लिए मलेशिया के इपोह का दौरा किया जहां उसने दक्षिण कोरिया के खिलाफ 2-2 से बराबर रहने के बाद पेनाल्टी शूटआउट में 4-1 से जीत दर्ज करके तीसरा स्थान हासिल किया। न्यूजीलैंड ने पेनल्टी में आस्ट्रेलिया को 3-1 से हराकर खिताब जीता। अजलन शाह कप नीदरलैंड के पाल वान ऐस का भारतीय टीम के साथ पहला टूर्नामेंट था। उन्हें साल के शुरू में जनवरी में कोच पर नियुक्त किया गया था।
अपने कार्यकाल की अच्छी शुरुआत करने के बाद वान ऐस की अगली जिम्मेदारी बेल्जियम के एंटवर्प में हाकी विश्व लीग (एचडब्ल्यूएल) सेमीफाइनल था। एचडब्ल्यूएल सेमीफाइनल में भारत का प्रदर्शन उतार चढ़ाव वाला रहा। वह तीसरे . चौथे स्थान के लिए खेले गए मैच में ब्रिटेन से 1-5 से हारकर तीसरे स्थान पर रहा। लेकिन सबसे बड़ा विवाद भारत के एंटवर्प से लौटने के बाद हुआ। वान ऐस की हाकी इंडिया के अध्यक्ष नरिंदर बत्रा के साथ बहस के बाद पद से बर्खास्त कर दिया गया। वे छह महीने ही इस पद पर रहे। वान ऐस हिमाचल प्रदेश के शिलारू में भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) केंद्र में राष्ट्रीय शिविर में नहीं पहुंचे जिससे उनके भविष्य को लेकर गंभीर सवाल पैदा हो गए थे। इसके साथ ही उन्होंने एंटवर्प में एचडब्ल्यूएल सेमीफाइनल में भारत के प्रदर्शन की रिपोर्ट भी नहीं सौंपी।
वान ऐस ने बाद में नीदरलैंड से मीडिया से कहा कि एचडब्ल्यूएल सेमीफाइनल में मलेशिया के खिलाफ क्वार्टर फाइनल मैच के बाद बत्रा के साथ कथित बहस के बाद उन्हें बर्खास्त कर दिया गया था। दोनों पक्षों की तरफ से आरोप-प्रत्यारोप लगे और इस बीच हाई परफोरमेन्स निदेशक रोलैंट ओल्टमैंस को 2016 रियो ओलंपिक तक पुरुष टीम की पूरी जिम्मेदारी सौंप दी गई और सरदार सिंह की अगुआई वाली टीम 15 दिन के यूरोपीय दौरे पर निकल गई। इस दौरान भारत ने फ्रांस को दो मैचों की सीरीज में 2-0 और स्पेन को चार मैचों की सीरीज में 2-1 से हराया। इस बीच मिडफील्डर गुरबाज सिंह को अपने खराब व्यवहार के लिए टीम से बाहर किया गया और टीम में गुटबाजी के आरोप में हाकी इंडिया ने उन्हें नौ महीने के लिए निलंबित कर दिया।
लेकिन गुरबाज पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट की शरण में चले गए और राष्ट्रीय हाकी संस्था को कुछ महीने के अंदर ही निलंबन वापस लेना पड़ा। लेकिन तब तक गुरबाज को नुकसान पहुंच चुका था। वे एचआइएल नीलामी में भाग नहीं ले पाए और राष्ट्रीय चयनकर्ताओं ने भी उन्हें टीम में नहीं चुना। इस बीच, भारतीय महिला हाकी टीम ने 36 साल बाद ओलंपिक में जगह बनाई। भारतीय महिला टीम ने इंग्लैंड के यूरोहाकी चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंचने के कारण रियो के लिए क्वालीफाई किया। भारतीय महिला टीम ने आखिरी बार 1980 मास्को खेलों में हिस्सा लिया था जहां उन्हें चौथा स्थान मिला था। भारतीय महिला टीम हाकी विश्व लीग सेमीफाइनल में पांचवें स्थान पर रही थी और इस आधार पर उस कोटा स्थान मिल गया।
भारतीय पुरुष टीम ने ओल्टमैंस की देखरेख में अच्छा प्रदर्शन जारी रखा। उसने न्यूजीलैंड को चार मैचों की टैस्ट सीरीज में 2-1 से हराया लेकिन उसकी सबसे बड़ी उपलब्धि रायपुर में एचडब्ल्यूएल फाइनल में कांस्य पदक जीतकर 33 साल से चले आ रहे पदक के सूखे को समाप्त करना था। पूल चरण में टीम बहुत अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाई थी लेकिन उसने कांस्य पदक के मैच में नीदरलैंड को दो गोल से पिछड़ने के वापसी करने के बाद पेनल्टी शूटआउट में हराकर बड़ा उलटफेर करने के साथ ही पदक जीता। इस जीत से भारत विश्व रैंकिंग में भी छह स्थान पर पहुंच गया हालांकि हाल में जारी सूची में वह एक पायदान नीचे सातवें स्थान पर खिसक गया। आस्ट्रेलिया, नीदरलैंड और जर्मनी के खिलाफ हाल की सफलताओं से साबित हो गया है कि भारत विश्व हाकी की बड़ी टीमों के बीच फिर से अपनी जगह बना सकता है लेकिन इसके लिए उसे ओलंपिक वर्ष में लगातार अच्छा प्रदर्शन करना होगा।

