हॉकी इंडिया की ओर से 28 फरवरी 2024 को एक बयान जारी हुआ। बयान में महासंघ में गुटबाजी और आपसी मतभेदों के आरोपों को खारिज किया गया है। महासंघ के अध्यक्ष दिलीप टिर्की और महासचिव भोलानाथ सिंह की ओर से जारी संयुक्त बयान में कहा गया, ‘हाल ही में कुछ निवर्तमान पदाधिकारियों ने मीडिया में कहा है कि हॉकी इंडिया में गुटबाजी है। यह सही नहीं है। हॉकी के हित के लिए हम एकजुट होकर काम करते रहेंगे।’
दिलीप टिर्की ने की एलेना नॉर्मन की तारीफ
हालांकि, इसके अगले ही दिन दिलीप टिर्की ने एलेना नॉर्मन की प्रशंसा की। उन्होंने कहा, ‘हमने पिछले 2 साल में टीमों का प्रदर्शन देखा। हमारी CEO ने भारतीय हॉकी के लिए शानदार काम किया है। मैं भारतीय हॉकी के विकास में इस ऑस्ट्रेलियाई पदाधिकारी के योगदान की सराहना करता हूं।’ बता दें कि हॉकी इंडिया की पूर्व सीईओ एलेना नॉर्मन ने कहा था, ‘महासंघ में जैसा माहौल था, उसमें काम करना मुश्किल था। मेरे पास त्यागपत्र देने के अलावा विकल्प नहीं था।’
27 फरवरी को एलेना नॉर्मन ने दिया था इस्तीफा
एलेना नॉर्मन ने 27 फरवरी 2024 को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। इससे पहले 23 फरवरी 2024 को यानेके शॉपमैन ने भी महिला हॉकी टीम के कोच पद से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने हॉकी इंडिया पर महिला हॉकी के प्रति पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाने और उचित सम्मान नहीं देने का आरोप लगाया था।
हॉकी इंडिया को क्यों पड़ी बयान जारी करने की जरूरत?
सवाल यह है कि हॉकी इंडिया को इस तरह के बयान जारी करने की जरूरत ही क्यों पड़ी? पुरानी कहावत है कि धुआं वहीं उठता है जहां आग लगी होती है। हॉकी इंडिया के मामले में यह कहां तक सही है इसका उचित जवाब तो दिलीप टिर्की और भोलानाथ सिंह को ही मालूम होगा। हालांकि, 5 दिन में दो वरिष्ठ पदाधिकारियों के इस्तीफे सबकुछ ठीक है कि ओर इशारा तो नहीं करते हैं।
सूत्रों की मानें हॉकी इंडिया में गुटबाजी और आपसी मतभेदों की खबरों के पीछे हॉकी इंडिया की ही एक महिला का हाथ है। खबरों की मानें तो अगली गाज उन पर ही गिरने वाली है। एलेना नॉर्मन के इस्तीफे के बाद उसको पद से हटाया जा सकता है। सूत्रों का यहां तक कहना है कि वह महिला ही हॉकी इंडिया के पदाधिकारियों के बीच मतभेद पैदा कर अपना उल्लू-सीधा करने में लगी हैं। हॉकी इंडिया हर महीने उन्हें ‘मोटी सैलरी’ भी देता है।
2024 में पेरिस ओलंपिक और लोकसभा चुनाव
इस साल जुलाई-अगस्त में पेरिस ओलंपिक खेल होने हैं। देश में इसी साल आम चुनाव भी होने हैं। दिलीप टिर्की के बीजू जनता दल के टिकट पर ओडिशा में सुंदरगढ़ लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने की खबरें हैं। बताया जा रहा है कि वह चुनाव प्रचार में जुट गए हैं। ऐसे में उनके लिए भी महासंघ को पर्याप्त समय देना संभव नहीं होगा।
पुरुष टीम से इस बार भी है पदक की उम्मीद
भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने टोक्यो ओलंपिक में पोडियम फिनिश (कांस्य पदक जीता था) किया था। देशवासियों को उनसे इस बार भी पदक की उम्मीद हैं। इस बीच, दिल्ली हॉकी संघ के पूर्व महासचिव महेश दयाल ने भोलानाथ सिंह पर वित्तीय अनियमितता का आरोप लगाते हुए दिलीप टिर्की को पत्र लिखे हैं। ऐसे में यदि हॉकी इंडिया में इस्तीफे पर इस्तीफे होते रहे तो खिलाड़ियों पर इसका विपरीत असर नहीं पड़ेगा।
हॉकी इंडिया की ओर से जारी बयान में कहा गया कि उसे टीमों और अपने खिलाड़ियों के लिए हॉकीप्रेमियों के सतत सहयोग की जरूरत है। अभी पूरा फोकस ओलंपिक पर होना चाहिए। हालांकि, इतनी व्यवस्ताओं के बीच क्या दिलीप टिर्की महासंघ और खिलाड़ियों के लिए पर्याप्त समय निकाल पाएंगे? कहीं ऐसा न हो कि वह भी अपने पद से त्याग पत्र दे दें। यदि ऐसा हुआ तो निश्चित रूप से यह भारतीय हॉकी के लिए अच्छा नहीं होगा।