अमित कामत। हाल ही में शतरंज में सबसे कम उम्र के रेटेड भारतीय खिलाड़ी बने तीन वर्षीय बालक की उपलब्धि पर अब सवाल उठ रहे हैं। FIDE में दर्ज एक शिकायत में आरोप है कि जिन खिलाड़ियों को उसने हराया, वे उसके ही शहर में कोचिंग देने वाले प्रशिक्षक हैं।

शिकायतकर्ता ने इसे ‘फेयर प्ले’ नियमों का संभावित उल्लंघन बताया है। वहीं, खिलाड़ी के पिता और कोच ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा है कि यह स्थानीय शतरंज संघ में जारी खींचतान का परिणाम है। रिकॉर्ड-तोड़ प्रदर्शन और बढ़ते सवालों के बीच अब पूरा मामला सुर्खियों में है।

गलत तरीकों से रेटिंग हासिल करने का आरोप

इंटरनेशनल चेस बॉडी FIDE में की गई शिकायत में दावा किया गया है कि मध्य प्रदेश में सागर के रहने वाले लड़के से हारने वाले तीनों विरोधी उसी अकादमी के कोच थे जहां वह प्रशिक्षण लेता है। ऐसा लगता है कि रेटिंग गलत तरीकों से हासिल की गई थी, जिसमें कोचों या खेल को संचालन करने वाले लोगों ने FIDE के ‘फेयर प्ले सिद्धांतों’ का साफ उल्लंघन किया।

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वहीं, लड़के के पिता सिद्धार्थ सिंह कुशवाहा और उसके कोच नितिन चौरसिया ने कहा कि उन्हें शिकायत के बारे में पता था। आरोपों को खारिज करते हुए उन्होंने दावा किया कि मध्य प्रदेश के चेस फेडरेशन में गुटबाजी की वजह से लड़के को टारगेट किया जा रहा था। मध्य प्रदेश चेस फेडरेशन को पिछले कुछ वर्षों से एक एड हॉक कमेटी (तदर्थ समिति) चला रही है।

मेरे बेटे को टारगेट कर रहा दूसरा गुट

सिद्धार्थ सिंह कुशवाहा ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया, ‘सागर में, स्थानीय शतरंज समिति (लोकल चेस बॉडी) में दो गुट हैं। एक गुट दूसरे को टारगेट करने की कोशिश कर रहा है, यह साबित करने की कोशिश कर रहा है कि मेरे बेटे का रिकॉर्ड गलत तरीकों से आया है।’

पिछले कुछ महीनों में लड़के ने अपने से बड़े और बेहतर रैंक वाले खिलाड़ियों पर जीत दर्ज करके देशभर में सुर्खियां बटोरी हैं। उसने खंडवा, इंदौर, छिंदवाड़ा और मंगलुरु में हुए टूर्नामेंट में अभिजीत अवस्थी (रेटिंग 1,542), शुभम चौरसिया (रेटिंग 1,559), योगेश नामदेव (रेटिंग 1,696) को हराया।

क्या है मामला

वहीं, शिकायत में दावा किया गया है कि नितिन चौरसिया, नामदेव और अवस्थी उसी अकादमी में कोच हैं, जहां लड़का सागर में ट्रेनिंग लेता है। इसका जवाब देते हुए, लड़के के पिता और कोच ने इसे एक इत्तेफाक बताया है, जबकि दावा किया है कि वे शहर में अलग-अलग अकादमी में कोचिंग देते हैं।

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सागर में शतरंज अकादमी (ओलंपियो चेस क्लब) चलाने वाले सिद्धार्थ कुशवाहा ने कहा, ‘सिर्फ इसलिए कि ये लोग सागर से हैं और हम उन्हें जानते हैं, इससे यह साबित नहीं होता कि कुछ गलत हुआ है। मैं तीनों को चेहरे से जानता हूं, क्योंकि मेरी भी शतरंज अकादमी है। वे हमारे प्रतिद्वंद्वी जैसे हैं।’

शिकायत में आरोप लगाया गया है कि एक टूर्नामेंट में, FIDE के इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम से ड्रॉ तय होने के बाद लड़का और नामदेव ने इवेंट में हिस्सा लिया। जैसा कि आम बात है, देर से आने वाले दो लोगों के नाम ड्रॉ में हाथ से डाले गए और उन्हें एक-दूसरे के खिलाफ खेलने के लिए जोड़ा भी गया।

लड़के ने आखिर में नामदेव को हरा दिया। शिकायत में दावा किया गया है कि उसी टूर्नामेंट में नामदेव को टाइम इसलिए गंवाना पड़ा क्योंकि वह 10 मिनट के रैपिड गेम के आखिरी मिनटों में वॉशरूम चले गए थे। हालांकि, लड़के के कोच ने इस बात से इनकार किया कि नामदेव के वॉशरूम जाने की वजह से हार हुई। सिद्धार्थ सिंह कुशवाहा ने कहा, ‘सिर्फ मेरा बेटा ही नहीं, और भी बच्चे थे जो देर से पहुंचे और उन्हें हाथ से जोड़ा गया।’ IND U19 vs UAE U19: वैभव सूर्यवंशी का दुबई में आया तूफान, शतक लगा अंडर-19 एशिया कप में बना डाला महारिकॉर्ड