रणजी ट्रॉफी के दौरान भारतीय खिलाड़ी हनुमा विहारी ने एक इंस्टाग्राम पोस्ट से विवाद शुरू कर दिया था। उन्होंने आंध्र क्रिकेट संघ पर किसी के प्रभाव में आकर कप्तानी से हटाने का आरोप लगाया था। इसके बाद उनका टीम के ही एक खिलाड़ी के साथ सोशल मीडिया पर जंग भी शुरू हो गई है। अब लगभग एक महीने बाद आंद्र प्रदेश के क्रिकेट बोर्ड ने खिलाड़ी को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
हनुमा विहारी को कारण बताओ नोटिस
कुछ दिन पहले एसीए की शीर्ष परिषद की बैठक के बाद जारी किये गए नोटिस का विहारी ने जवाब नहीं दिया है। एसीए के एक अधिकारी ने बताया ,‘‘ हमने कुछ दिन पहले उसे नोटिस जारी किया है और जवाब का इंतजार है ।’’ उन्होंने कहा ,‘‘ हम सिर्फ यह जानना चाहते हैं कि उन्होंने ऐसी प्रतिक्रिया क्यो दी थी। उन्होंने हमसे संपर्क नहीं किया। यह मौका है कि वह अपनी शिकायतें हमारे सामने रखें। हम प्रदेश क्रिकेट के विकास में उनके योगदान की सराहना करते हैं।’’
रणजी ट्रॉफी के बाद शुरू हुआ था विवाद
रणजी ट्रॉफी क्वार्टर फाइनल में मध्यप्रदेश के खिलाफ आंध्र की हार के बाद विहारी ने सोशल मीडिया पर लिखा था कि बंगाल के खिलाफ पहले मैच के बाद उनसे कप्तानी छीन ली गई। उस समय उन्होंने हालांकि कहा था कि निजी कारणों से उन्होंने यह फैसला लिया है। इंस्टाग्राम पोस्ट पर विहारी ने लिखा था कि एसीए ने एक स्थानीय नेता के दबाव में ऐसा किया जिसके बेटे ने शिकायत की थी कि कप्तान ने उन्हें डांट लगाई है। वह मैच के दौरान 17वां खिलाड़ी था। विहारी ने साथ ही यह भी कहा था कि वह कभी दोबार इस टीम के लिए नहीं खेलेंगे।
सोशल मीडिया पर लगाए गए आरोप
जिस खिलाड़ी पर उन्होंने आरोप लगाए वह परुधवी राज थे। हनुमा विहारी की स्टोरी के बाद परुधवी ने भी ने इंस्टाग्राम स्टोरी पर लगाई और कहा कि विहारी ने कप्तान रहते हुए उन्हें गाली थी थी। हनुमा अब केवल सहानभूति हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं। मामला यही नहीं रुका। हनुमा विहारी ने आंध्र प्रदेश के खिलाड़ियों के हस्ताक्षर वाली फोटो अपने सपोर्ट में सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दी। चिट्ठी में स्पष्ट था कि खिलाड़ी हनुमा विहारी को आंध्र प्रदेश क्रिकेट टीम का कप्तान बनाए रखना चाहते हैं और पूरे मामले में उनकी कोई गलती भी नहीं है।