भारत में इन दिनों महिला पहलवानों का बोलबाला है। ओलंपिक मेडलिस्ट साक्षी मलिक, कॉमनवेल्थ चैंपियन विनेश फोगाट, अंतिम पंघाल जैसे बड़े नामों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कामयाबी हासिल की है। आज बात उनकी नहीं बल्कि देश की पहली महिला रेसलर की। गूगल ने चार माई 2024 को भारत की पहली महिला पहलवान हमीदा बानू को समर्पित करते हुए डूडल बनाया है।

शादी के लिए रखी थी शर्त

हमीदा बानू 1940-50 के दशक में देश की सबसे लोकप्रिय रेसलर थी। वह देश की पहली महिला पहलवान थी जिन्होंने देश के कई बड़े पहलवानों को हराया था। हमीदा बानू ने यह शर्त रखी थी कि जो भी उन्हें रेसलिंग मैच में हराएगा वह उससे शादी कर लेंगी। हालांकि ऐसा हुआ नहीं। उन्होंने पंजाब और बंगाल के चैंपियन पहलवानों को मात दी। इसके बाद उनसे लड़ने वाले किसी न किसी बहाने से मैच से पीछे हट जाते थे। इसके बाद हमीदा ने तत्कालीन महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री मोरारजी देसाई को खत लिखकर शिकायत की कि उनके मैचों पर अनाधिकारिक बैन लगाया गया है। हालांकि देसाई ने कहा कि ऐसा नहीं है।

डाइट थी चर्चा का कारण

बानू जब रेसलिंग रिंग में उतरती थी तो विरोधी उन्हें देखकर डर जाते थे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 5 फीट तीन इंस लंबी बानू का वजन 108 किलोग्राम था। उनकी एक दिन की डाइट में 5.6 लीटर दूध, 2.8 लीटर सूप, 1.8 लीटर फ्रूट जूस, एक देसी मुर्गा, एक किलो मटन, एक किलो बादाम आधा किलो घी, छह अंडे और दो प्लेट बिरयानी शामिल थी।

कोच के साथ अलगाव ने खत्म किया करियर

हमीदा बानू ने भारत में मिली सफलता के बाद फैसला किया था कि वह यूरोप जाकर लड़ेंगी लेकिन ऐसा हुआ नहीं। बानू अचानक रेसलिंग की दुनिया से गायब हो गईं। ऐसा कहा गया कि हमीदा के कोच सलाम पहलवान को रेसलर का यूरोप जाने का फैसला पसंद नहीं आया। हमीदा बानू के गोद लिए हुए बेटे के पुत्र फिरोज शेख ने बताया कि हमीदा को रोकने के लिए उन्हें बहुत पीटा जाता था। हमीदा के पैर टूट गए थे। इसके बाद वह रेसलिंग की दूनिया में लौट नहीं पाईं।

हमीदा के गोद लिए हुए शेख का दावा है कि हमीदा ने कभी भी सलाम पहलवान से शादी नहीं की। वहीं सलाम पहलवान की बेटी का दावा है हमीदा उनकी सौतेली मां थी। हमीदा ने सलाम पहलवान से शादी की थी।