भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व विकेटकीपर बल्लेबाज किरण मोरे और पाकिस्तान के पूर्व कप्तान और धाकड़ बल्लेबाज जावेद मियांदाद में 1992 विश्व कप में मैच के दौरान काफी विवाद हो गया था। मोरे ने ‘द कर्टली एंड करिश्मा’ यूट्यूब शो पर उस घटना को याद करते हुए बताया कि उस मैच में जावेद मियांदाद की हरकतों की वजह से अंपायर ने उन्हें मैदान से बाहर भेजने तक की धमकी दे डाली थी।
मोरे ने बताया, ‘तब हम पहली बार वर्ल्ड कप में एकदूसरे के खिलाफ खेल रहे थे। मैच जीतने को लेकर हम पर काफी दबाव भी था। दर्शक शोर मचा रहे थे। इस चीज ने हमारे ऊपर और प्रेशर बना दिया। हमारी बल्लेबाजी के दौरान पाकिस्तानी खिलाड़ियों (इनमें मोइन खान, जावेद मियांदाद, सलीम मलिक भी शामिल थे) ने हम पर दबाव बनाने और परेशान करने की बहुत कोशिश की। यही वजह थी कि जब हम वे बल्लेबाजी के लिए उतरे तो हमने उनको वही वापस देने की कोशिश की, जो उन्होंने हमारे साथ किया था।’
मोरे ने बताया, ‘जावेद मियांदाद को पीठ में चोट थी। मैंने गेंदबाजों से कहा कि उसको शॉर्ट गेंद मत फेंकना। बस ऊपर-ऊपर खिलाना। शॉर्ट गेंद डालने पर वह पीठ दर्द के कारण कट शॉट खेलते। गेंदबाजों के उन्हें ऊपर-ऊपर खिलाने से मियांदाद हताश हो रहे थे। वह मिड ऑफ और कवर में ड्राइव जमाने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन गेंद वहां जा नहीं रही थी।’
मोरे ने बताया, ‘जावेद मियांदाद बुदबुदा रहे थे कि हम मैच जीत जाएंगे। मैं उनसे कह रहा था भाड़ में जाओ, यह मैच तो हम ही जीतेंगे। इसी दौरान सचिन तेंदुलकर की लेग साइड में जाती एक गेंद गेंद पर मैंने अपील की। मुझे लगा था कि गेंद बैट से टकराई है। मैंने कैच पकड़ लिया था। मेरे अपील करने पर जावेद ने मुझे घूरकर देखा। हम दोनों ने एक-दूसरे को चुप रहने के लिए कहा। फिर रनआउट की अपील हुई जब मैं उछला और स्टम्प्स बिखेरे तब जावेद ने मेरी नकल करना शुरू कर दी।’
मोरे ने बताया, ‘इस पर मैंने उसे करारा जवाब दिया। मैंने अपना मुंह ग्लव्स से छुपा लिया था। तब माइक का इस्तेमाल होता था। अंपायर डेविड शेफर्ड आए और कहा, जावेद अगर तुमने फिर ऐसा किया, तो मैं तुम्हें मैदान से बाहर भेज दूंगा।’ हालांकि, पूर्व भारतीय विकेटकीपर ने यह भी स्पष्ट किया कि बाद में दोनों की मुलाकात पाकिस्तान में हुई और दोनों इस घटना पर खूब हंसे थे।